टुकड़े-टुकड़े में मिल रही बिजली, लोग हैरान-परेशान
Gonda News - गोण्डा में शहरी और ग्रामीण फीडरों पर बिजली की आपूर्ति में लगातार समस्या आ रही है। उपभोक्ता बताते हैं कि बिजली बार-बार चली जाती है, जिससे रात में सोने में कठिनाई होती है। भीषण गर्मी के कारण स्थिति और...

गोण्डा, संवाददाता। शहरी क्षेत्र के अलावा आसपास के कई ग्रामीण फीडरों पर भी शुक्रवार शाम से पूरी रात बिजली की आवाजाही लगी रही। उपभोक्ता बताते हैं कि आपूर्ति चालू होती फिर थोड़ी देर में बिजली गुल हो जाती। फिर चालू होती और चली जाती। इस तरह टुकड़े-टुकड़े बिजली आपूर्ति की गई। लोग ढंग से सो नहीं सके। कहीं बंच केबिलों के जलने की शिकायतें मिली तो कहीं ट्रांसफार्मर दगा दे रहे हैं। दिन भर तल्ख धूप और भीषण गर्मी के चलते बिजली की दुश्वारियां बढ़ी है। यह सिलसिला कई दिनों से चल रहा है और लोग कटौती से हैरान-परेशान हैं। यह हाल तब है जब मुख्यालय में 11/33 केवीए के छह उपकेन्द्र हैं और विभाग की ओर से निर्बाध बिजली मुहैया कराने के दावे हैं।
जर्जर तारों को बदला जा रहा है। इसके बावजूद शहरी क्षेत्र के पोर्टरगंज से लेकर महराजगंज, पालिटेक्निक, बड़गांव क्षेत्र के अलावा खैरा, नाथनगर,जयनगरा व बहराइच रोड व इमलिया गुरुदयाल समेत ग्रामीण फीडर में चांदपुर, गोण्डा नार्थ व मनकापुर फीडर के जु़ड़े सैकड़ों गांवों के उपभोक्ताओं को रात अंधेरे में गुजारनी पड़ रही है। यह सिलसिला कई दिनों से चल रहा है। चौकाने वाली बात यह है कि उपकेन्द्र कर्मी यह भी नहीं बता सके कि क्या खराबी आई है। चांदपुर के अलावा अन्य ग्रामीण फीडर मुख्यालय के सबसे बड़े उपकेन्द्र 220 के 11/33 केवी से पोषित है। एक-एक फीडर से पचासों गांव जुड़े हैं और रात भर बिजली की आवाजाही से अंधेरे में रहना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि शुक्रवार देर शाम से आवाजाही का सिलसिला शुरु हुआ, जो कि रात भर चला और सुबह दूसरे दिन शनिवार को करीब नौ बजे आपूर्ति चालू होने पर घंटे भर ठहरी। उपखंड अधिकारी, सिविल लाइन जवाहर सिंह कहते हैं कि ज्यादातर फीडरों पर ओवरलोड बढ़ने पर वीसीबी (वैक्यूम सर्किट ब्रेकर) से बिजली कट हो जाती है, फिलहाल सुधार कराए जा रहे हैं। फाल्ट होने पर सुधार में लग जाते डेढ़ से दो घंटे : भीषण गर्मी के चलते न बाहर चैन मिल रहा है और न घर में सुकून। फाल्ट होने पर उसे सुधारने में डेढ़ से दो घंटे तो अमूमन लग जा रहा है। चौक इलाके के उपभोक्ता विजय जायसवाल व आनंद मौर्या कहते हैं कि बिजली गुल होते ही लोग पसीने से तर बतर हो जाते हैं। रात में तो और मुश्किलें बढ़ जाती है। विभाग के दावे रात में कटौती नहीं करने के हैं। इसके बावजूद रात 11 बजे के आसपास रोजाना कटौती कर दी जाती है। इस दौरान उपकेन्द्र के सीयूजी व कर्मी का फोन रिसीव नहीं होता।
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