बोले प्रयागराज : कस्तूरबा और प्राथमिक विद्यालय के बीच शराब की दुकान
Gangapar News - सैदाबाद में शैक्षिक संस्थानों और धार्मिक स्थलों के पास शराब की दुकानों को खोलने पर विवाद बढ़ गया है। ग्रामीणों ने विरोध किया है लेकिन अधिकारी नियमों का हवाला देकर दुकानों को खोलने की अनुमति दे रहे...
सैदाबाद में शराब की दुकानें शैक्षिक संस्थान और धार्मिक स्थलों के आसपास शराब की दुकानें न हों इसका ख्याल रखा जाता है लेकिन कुछ स्थानों पर ऐसे मामले भी सामने आते रहे हैं जहां से महज सौ-दो सौ मीटर के आसपास ही शराब की दुकानें खोल दी गईं। जगतपुर और हंडिया के बीच कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है। यहां दर्जनभर देसी और अंग्रेजी शराब की दुकानें हैं जबकि कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय और प्राथमिक विद्यालय इसकी जद में हैं। हाल ही में इसी क्षेत्र धोकरी में आंगनबाड़ी केंद्र के बगल शराब की दुकान खोलने को लेकर जमकर विवाद हुआ। विवाद के बाद दुकान अन्यत्र शिफ्ट कर दी गई जिससे विवाद तो थम गया लेकिन यहां पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। सरकार की लाइसेंस नीति का पालन करने में कहीं न कहीं संबंधित अधिकारियों ने लापरवाही बरती। आरोप है कि जिम्मेदार लोगों द्वारा जो चौहद्दी बनाई जा रही उसमें विद्यालयों को अनदेखा किया गया। दिक्कत इसलिए हो रही है कि अफसर स्थलीय निरीक्षण करने के बजाय कार्यालय में ही बैठकर इसकी मंजूरी दे दे रहे हैं।
जगतपुर और हंडिया के बीच स्टेट हाईवे पर दर्जनों देसी और अंग्रेजी शराब की दुकानें मौजूद हैं। जबकि सरकारी नियमों के अनुसार ऐसी जगहों पर शराब की दुकानें नहीं खोली जा सकती हैं। कई जगह ग्रामीणों ने शराब की दुकानों का विरोध किया लेकिन नियमों का हवाला देकर उनका मुंह बंद करा दिया जाता है। कानूनी कार्रवाई का डर ग्रामीणों को दिखाया जाता है। प्रयागराज-हंडिया मार्ग पर स्थित हरीपुर गांव में देसी और शराब की कंपोजिट दुकानें कस्तूरबा गांधी आवासीय व प्राथमिक विद्यालय के पास खोली गई हैं। शराबी पीकर अक्सर हुड़दंग करते हैं। शराबियों के आतंक से छात्राओं को मुश्किलें होती हैं। सैदाबाद में राजकीय महाविद्यालय और राजकीय कन्या इंटर कॉलेज के पास शराब की दुकान है। इसके अतिरिक्त बाजार में एक इंटर कॉलेज के पास शराब की कंपोजिट दुकान खोली गई है। भेस्की में एक इंटर कॉलेज से महज कुछ दूरी पर शराब की दुकान मौजूद है। इसी तरह की कई दुकानें स्टेट हाईवे व हंडिया स्थित नेशनल हाईवे पर मौजूद हैं। सभी दुकानें नियमों को ताक पर रखकर खोली गई हैं। शराब दुकानदारों की दबंगई के चलते ग्रामीण विरोध करने से भी डरते हैं।
पहले लोग सामाजिक मर्यादा के चलते सार्वजनिक स्थलों पर शराब पीने से हिचकते थे। सरकारी नीति के कारण क्षेत्र में शराब की दुकानों की भरमार है। शराब के आदि पैसे न मिलने पर घर के बर्तन, पत्नी के गहने भी बेच देता है। आसानी से शराब सुलभ हो जाने के कारण युवा नशे की गिरफ्त में आ रहे हैं।
कई गांव के लोग कर रहे विरोध
गांव में शराब का ठेका खोले जाने का कई गांवों में विरोध हो रहा है। क्षेत्र के बरना, धोकरी सहित कई गांवों के ग्रामीण दुकान खोले जाने का विरोध जता चुके हैं। लेकिन संबंधित अधिकारी नियमों का हवाला देकर उनका मुंह बंद करा देते है। ग्रामीण भी प्रशासनिक कार्रवाई से बचने के लिए केवल सांकेतिक विरोध करने के बाद चुप हो जाते है। नियमों को ताक पर रखकर गांव में बस्तियों के बीच शराब की दुकान चलाई जा रही है। धोकरी गांव के ग्रामीणों ने बताया कि बीते साल शराब की दुकान का विरोध किया गया था। साल भर चलने के बाद दुकान बंद हो जाएगी ऐसा आश्वासन मिला था। लेकिन नई दुकान दोबारा खोली जा रही है।
शराब की दुकान का विरोध कर रही महिलाओं ने चलाए ईंट पत्थर
सैदाबाद। बीते दिनों धोकरी गांव में बस्ती के बीच मौजूद सरकारी ठेके की दुकान का ग्रामीण बीते साल से विरोध कर रहे थे। ग्रामीणों के विरोध के बावजूद दुकान नहीं हटाई गई। टेंडर प्रक्रिया सम्पन्न होने के बाद, दुकान धनंजय कुमार ओझा को मिली। बीते मंगलवार दोपहर धनंजय अपने एक साथी व अन्य ग्रामीणों के साथ दुकान की पूजा कर रहे थे। शराब की दुकान खुलने की सूचना जैसे ही गांव की महिलाओं को हुई, महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। सूचना पर कार्यवाहक चौकी इंचार्ज भूपेन्द्र यादव सिपाहियों के साथ मौके पर पहुंचे। दुकान का घेराव कर रहीं महिलाओं व अन्य ग्रामीणों को मौके से जाने के लिए कहा। पुलिसकर्मियों द्वारा भीड़ हटाने की नीयत से लोगों को दौड़ाया गया। भागने के दौरान मोनू भारतीय पुत्र मिठाईलाल भारतीय खेत में गिर गया, जिसके चलते उसका पैर टूट गया। मोनू का पैर टूट जाने से महिलाएं उग्र हो गईं। उग्र महिलाएं पुलिस व दुकान की पूजा में शामिल लोगों पर पथराव करने लगीं। उग्र महिलाओं को देख पुलिसकर्मियों व दुकान की पूजा कर रहे लोग भाग खड़े हुए। महिलाओं ने आरोप लगाया कि पुलिस द्वारा किए गए बल प्रयोग से कई युवकों को चोटें आई है। जबकि पुलिस ने बल प्रयोग की बात करने से इंकार किया है। सूचना पर मौके पर पहुंचे हंडिया कोतवाल ने किसी तरह स्थिति को नियंत्रण में किया। मामले में एक युवक को पुलिस ने हिरासत में लिया है। मामले में कई लोगों के ऊपर हंडिया पुलिस ने कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। कार्रवाई के डर से कई युवा घर छोड़ चुके है।
ग्रामीणों के विरोध के बाद नहीं खुली दुकान।
सैदाबाद। आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री विद्यावती देवी की अगुवाई में संजू देवी, गायत्री देवी, पान कली, अमरावती, संजना देवी, सूरज कुमार, रमेश कुमार, अखिलेश कुमार, राना, किशन, मोटू, आशीष पटेल, सन्तोष, रामशिरोमणि, धनन्जय, सुनील, दिनेश, शिवा, रामजी, महेश कुमार, राकेश कुमार, ईश्वर चन्द्र, भानशेखर, पीयूष, आरती, संगीता पूजा, उषा देवी, पूनम देवी, मंजू, नीता देवी, विमला रेनू, सुषमा, रीना, सुरीला ने आंगनबाड़ी केंद्र व बस्ती के बीच खुल रही सरकारी शराब की दुकान का विरोध किया था। कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र पर पढ़ रहे नौनिहालो को शराब की दुकान खुलने से समस्या होगी। अक्सर देखा गया है कि ठेके के पास लोग शराब पीकर गाली गलौज करते है। आंगनबाड़ी केंद्र का संचालन होने से बच्चों से लेकर महिलाओं जिसमें किशोरी, गर्भवती, धात्री आदि का आवागमन बना रहता है। शराब की दुकान खुल जाने से जन समुदाय पर नकारात्मक प्रभाव, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं और सुरक्षा संबंधी समस्याएं पैदा होंगी। मामले को संज्ञान में लेते हुए संबंधित विभाग के हस्तक्षेप के बाद दुकान नहीं खोली गई।
बिना स्थलीय निरीक्षण किए दे दी जाती है अनुमति
एक अप्रैल से शराब की दुकाने संचालित की जा रही हैं लेकिन अभी तक बिना चौहद्दी के ही दुकानों का संचालन किया जा रहा है। मामले में हंडिया आबकारी निरीक्षक पारुल चौधरी ने बताया कि दुकान की चौहद्दी दुकानदार द्वारा दी जाती है। हमलोग स्थलीय निरीक्षण करने के बाद ही दुकान खोलने की मंजूरी देते है। जिले के अधिकारियों से बात करने पर ऑफिस आकर चाय पीने की बात कहकर फोन काट दिया गया। इसका क्या मतलब हो सकता है सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
धड़ल्ले से चल रहा था, गांजे और अफीम का व्यवसाय
क्षेत्र के धोकरी गांव में बड़े पैमाने पर अफीम की खेती की जा रही थी। हंडिया कोतवाल द्वारा 1.5 करोड़ की अफीम पकड़ी गई थी। कुछ दिन पूर्व बजहा मिश्रान के मजरे चौरा बड़ेरा गांव में भी गांजा तस्करों के पास से हंडिया पुलिस ने 1.5 करोड़ का गांजा बरामद किया था। ग्रामीणों ने बताया कि दोनों जगहों पर बीते काफी समय से यह अवैध धंधा फल फूल रहा था।
जिम्मेदार बोले
बस्तियों में शराब की दुकानों का यदि ग्रामीण विरोध कर रहे हैं तो दुकान नहीं खुलनी चाहिए। अक्सर देखा गया है कि शराब पीकर लोग गाड़ी चलाते समय दुर्घटनाओं का शिकार हो जाते है। सड़क पर शराब की दुकान होने से जनहानि की संभावना काफी बढ़ जाती है। स्कूल, कॉलेज व देवालय के पास यदि दुकानें खोली गई है तो यह गलत है। दुकानें बस्ती से दूर होनी चाहिए जिससे माताओं व बहनों को कोई समस्या न हो।
-राजेन्द्र सिंह पटेल, ब्लॉक प्रमुख, सैदाबाद
यदि शराब की दुकानों नियम विरुद्ध खोली गई है तो उनकी जांच कर कार्रवाई की जानी चाहिए। ऐसी दुकानों का लाइसेंस निरस्त होना चाहिए। संबंधित अधिकारियों को दुकान, स्कूल व देवालय से तय की गई नीयत दूरी पर खोलना चाहिए।
-अजय पांडेय, डीसीएफ चेयरमैन, प्रयागराज
हमारी भी सुनें
उत्तर प्रदेश में शराब के बिक्री से होने वाले सामाजिक और आर्थिक समस्याओं को देखते हुए शराब की दुकानें स्कूल, कॉलेज, बस्ती से बंद होनी चाहिए। आसानी से शराब की उपलब्धता से पारिवारिक समस्याएं बढ़ रहीं है।
-प्रमिला यादव, अध्यक्ष, महिला सभा, सपा, हंडिया विधानसभा
किसी देश या समाज का विकास करना है तो नशा मुक्त प्रदेश या देश होना चाहिए तभी हमारा समाज आगे जाएगा। महिलाएं बच्चे सुरक्षित होंगे तभी आपका बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का नारा सार्थक होगा ।छोटे क्राइम हो बड़े सब नशे में होते है ज्यादा बच्चे व महिलाएं इसका शिकार होती हैं।
-निशा शुक्ला, प्रदेश सचिव, सपा महिला सभा
शराब दुकान बंद होनी चाहिए। यहां पर खुलने वाली दुकान का लाइसेंस रद्द होना चाहिए। यहां पर दुकानें खुलने से महिलाएं, बेटियां असुरक्षित महसूस करेंगी।
-योगेश यादव, पूर्व जिलाध्यक्ष सपा
पूरे प्रदेश में शराब की दुकानें बंद होना चाहिए। नशे से लोगों के घर बर्बाद हो रहे हैं। बहन-बेटियां परेशान हैं। नशा समाज को पूरी तरह से बर्बाद कर रहा है।
-गोल्डी शुक्ला, अधिवक्ता
हर हाल में शराब दुकान बंद होनी चाहिए। यह क्षेत्र बहुत अच्छा है। शराब दुकान खुलने से हर किसी को असुरक्षा हो जाएगी। बहन-बेटियां परेशान होंगी।
-अखिलेश द्विवेदी, अध्यापक
शहर में शराब की दुकानें बंद की जाएं। लाइसेंस रद्द किए जाएं। नशे के समाज में भयावह दुष्परिणाम हो रहे हैं। यहां पर किसी हाल में दुकान नहीं खुलने देंगे।
-पवन मिश्रा
शराब के चलते लोग अपनो से दूर हो रहे है। घरेलू हिंसा के मामले बढ़ रहे है। अक्सर शराब पीकर व्यक्ति घर में गाली गलौज करते है।
-अरुण विश्वास, समाजसेवी
शराब के चलते नई पीढ़ी बर्बाद हो रही है। सरकार को इसपर भी ध्यान देने की जरूरत है। शराब दुकानदार नाबालिगों को भी शराब बेच रहे है।
-अनिल त्रिवेदी, समाजसेवी
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