मानक विहीन खाद्य पदार्थ बेचने पर 11 लाख का जुर्माना
Deoria News - देवरिया में मिलावटखोरी एक गंभीर समस्या बन चुकी है, जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है। खाद्य सुरक्षा विभाग ने पिछले वर्ष में 67 व्यापारियों पर 11 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। 381 नमूनों में...

देवरिया, निज संवाददाता। मिलावटी खोरी आज आम समस्या बन चुकी है। इसके चलते लोगों के स्वास्थ्य पर सीधा असर पड़ रहा है। साथ ही पोषक तत्वों की कमी भी हो रही है। मिलावट के चलते कई बार लोगों के जान पर बन आती है। इसके विरुद्ध खाद्य सुरक्षा विभाग लगातार अभियान संचालित करता रहा है। एक वर्ष में मानक विहीन खाद्य पदार्थ बेचने पर जिले के 67 व्यापारियों पर 11 लाख रुपये का जुर्माना लग चुका है। वहीं खाद्य पदार्थ का नमूना लेने से मना करने पर व्यापारी पर एक हजार रुपये का जुर्माना लग जाता है। खाद्य सुरक्षा विभाग मिलावटी खोरी के विरुद्ध लगातार अभियान संचालित करता रहता है।
आम दिनों के अलावा तीज त्यौहारों पर यह अभियान और सघन हो जाता है। खासकर नवरात्र, दीपावली और होली में अधिकारी लगातार दुकानों का निरीक्षण कर सैंपल एकत्रित कर जांच को भेजते रहते हैं। खाद्य सुरक्षा विभाग के सहायक आयुक्त विनय कुमार सहाय के नेतृत्व में खाद्य सुरक्षा अधिकारी राजीव मिश्र की टीम ने विगत एक वर्ष में एक अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025 तक जिले के विभिन्न प्रतिष्ठानों से खाद्य पदार्थों के 381 नमूने संग्रहित कर जांच के भेजे गए। इसमें से 289 नमूनों की रिपोर्ट आ गई है। जिसमें से 154 नमूने फेल हो गए। इसमें 16 नमूनों में जीवन को क्षति पहुंचाने वाले हानिकारक चीजें मिली पायी गईं। इसमें से सात मामलों के विरुद्ध एसीजेएम प्रथम के न्यायालय में वाद दाखिल हो गया है। बाकी में कार्रवाई जारी है। बाकी के 138 नमूनों में से 126 के विरुद्ध एडीएम कोर्ट में मुकदमे दाखिल किए गए। 12 मुकदमे दाखिल किए जाने हैं। इसमें 60 मुकदमों में निर्णय आ गया है। वहीं सात मुकदमे 2025-26 के हैं। इन 67 मुकदमों को मिलाकर कुल 11,61,000 रुपये का जुर्माना एडीएम कोर्ट से लगाया गया है। गंभीर प्रकृति के मामलों में नहीं हुआ निर्णय खाद्य सुरक्षा विभाग ने अधिनियम लागू होने से अब तक लगभग 13 वर्ष में गंभीर प्रकृति की मिलावट के सौ मुकदमे न्यायालय में दाखिल कर चुका है। इन मुकदमों में से अब तक कोई निर्णय नहीं हो पाया है। मिलावटखोरी सिद्ध होने के बावजूद सजा नहीं होने से इनके खिलाफ लोगों को जागरुक करना या शासन की मंशानुरूप सार्वजनिक स्थानों पर पोस्टर लगाना संभव नहीं है। .... खाद्य पदार्थों में गंभीर प्रकृति के मिलावटखोरी के लगभग सौ मामले न्यायालय में लंबित हैं। इनमें अभी निर्णय नहीं हो पाया है। विगत्त वित्तीय वर्ष के 60 प्रकरणों में व्यापारियों पर एडीएम कोर्ट से आर्थिक दंड लगाया जा चुका है। वहीं वर्तमान वित्तीय वर्ष में एक अप्रैल से अब तक के सात प्रकरणों में भी आर्थिक दंड लगाया जा चुका है। कुल मिलाकर यह 11.61 लाख रुपये का जुर्माना कोर्ट ने लगाया है। यह मामले सामान्य प्रकृति के रहे हैं। इनमें जीवन को खतरा नहीं मिला है। विनय कुमार सहाय, सहायक आयुक्त खाद्य द्वितीय, देवरिया।
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