संभल हिंसा में डीएम, एसपी और एसएचओ की गिरफ्तारी की मांग, हाईकोर्ट में एक और याचिका
संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक और जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है। इस पीआईएल में संभल के जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और इलाके के एसएचओ की गिरफ्तारी की मांग करते हुए यूपी सरकार को इस बारे में निर्देश देने की मांग की गई है।
संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक और जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है। इस पीआईएल में संभल के जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और इलाके के एसएचओ की गिरफ्तारी की मांग की मांग की गई है। लाइव लॉ वेबसाइट के अनुसार याचिका के जरिए यूपी सरकार को इस बारे में निर्देश देने की मांग की गई है। इससे पहले एक अन्य याचिका में संभल पुलिस प्रशासन पर भेदभाव पूर्ण रवैया अपनाते हुए कार्रवाई करने का आरोप लगाया गया था।
उस याचिका में मांग की गई थी कि हाईकोर्ट के रिटायर जज की अध्यक्षता में एसआईटी से जांच कराई जाए। आनंद प्रकाश तिवारी की जनहित याचिका में फायरिंग, बर्बरता में शामिल पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की गई है। कहा गया है कि हाईकोर्ट हिंसा में संभल के डीएम व एसपी के साथ संबंधित अधिकारियों की भूमिका की जांच एसआईटी से कराए। याचिका में सर्वे से लेकर हिंसा की पूरी घटना की विस्तृत जांच सीबीआई से कराने की मांग भी की गई है।
वहीं, शुक्रवार को ही सुप्रीम कोर्ट में संभल को लेकर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने मामले को हाईकोर्ट में लेकर जाने का निर्देश दिया। इसके साथ ही संभल की जिला अदालत को अब इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को इलाके में शांति और सद्भाव बनाए रखने का निर्देश भी दिया है।
मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और संजय कुमार की पीठ ने आदेश दिया कि यदि कोई पुनरीक्षण आवेदन दाखिल किया जाता है तो उसे हाईकोर्ट के समक्ष तीन दिनों के अंदर सुनवाई की जानी चाहिए।
शीर्ष अदालत ने यह भी आदेश दिया कि अधिवक्ता आयुक्त की रिपोर्ट की सर्वेक्षण रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में रखी जाए। पीठ ने संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद यह भी कहा कि हम नहीं चाहते कि इस बीच कुछ भी हो...उन्हें (शाही जामा मस्जिद समिति) उचित उपाय करने दें। हम इसे लंबित रखेंगे।
जिम्मेदार अधिकारियों पर हो कार्रवाई : मौलाना तौकीर
वहीं, इत्तेहादे मिल्लत काउंसिल के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां ने भी संभल हिंसा की जांच कराने के बाद इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की। मौलाना तौकीर को संभल के लिए रवाना होने से पहले पुलिस ने हिरासत में ले लिया। हालांकि एक घंटे बाद उन्हें छोड़ दिया गया। इससे पहले तौकीर ने कहा कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व यूपी का मुख्यमंत्री बदलना चाहता है, इसलिए यहां का माहौल खराब किया जा रहा है।
बरेली में शुक्रवार दोपहर मौलाना तौकीर अपने आवास सौदागरान से सिटी स्टेशन के सामने वाली मस्जिद में नमाज पढ़ने के लिए बाइक से पहुंचे। नमाज में देरी से पहुंचने पर उन्होंने दूसरी मस्जिद में नमाज पढ़ी। इसके बाद सिटी स्टेशन के सामने आईएमसी कार्यालय पर पहुंचे। यहां उन्होंने मीडिया से कहा कि संभल में एक विशेष समुदाय के आतंकी संगठनों ने हिंसा कराई है। इसकी जांच जरूरी है, जिससे सच सामने आ सकेगा। मौलाना तौकीर ने कहा कि यूपी और केंद्र सरकार की लड़ाई में समुदाय विशेष को पीसा जा रहा है। यूपी में जो भी हो रहा है, वह केंद्र सरकार के इशारे पर हो रहा है। केंद्र सरकार यूपी के मुख्यमंत्री को बदलना चाहती है, इसीलिए यहां का माहौल खराब किया जा रहा है।