challenging compensation order proved costly for power corporation high court increased amount from 13 to 23 lakhs मुआवजे के आदेश को चुनौती देना पावर कारपोरेशन को पड़ गया महंगा, हाईकोर्ट ने 13 से 23 लाख कर दी रकम, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
Hindi NewsUP Newschallenging compensation order proved costly for power corporation high court increased amount from 13 to 23 lakhs

मुआवजे के आदेश को चुनौती देना पावर कारपोरेशन को पड़ गया महंगा, हाईकोर्ट ने 13 से 23 लाख कर दी रकम

मुआवजे के आदेश को चुनौती देना यूपी पावर कॉरपोरेशन को महंगा पड़ गया। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने न सिर्फ याचिका खारिज की बल्कि लोक अदालत द्वारा दिए गए 13 लाख 15 हजार रुपये के मुआवजे के आदेश को बढ़ाकर 23 लाख 78 हजार रुपये कर दिया। इसके साथ ही 50 हजार रुपये का अतिरिक्त हर्जाना भी लगाया है।

Ajay Singh विधि संवाददाता, लखनऊSat, 17 May 2025 02:39 PM
share Share
Follow Us on
मुआवजे के आदेश को चुनौती देना पावर कारपोरेशन को पड़ गया महंगा, हाईकोर्ट ने 13 से 23 लाख कर दी रकम

Compensation on death of contract worker: ट्रांसफार्मर बनाते समय एक संविदाकर्मी की मौत पर मुआवजे को लेकर यूपी पावर कारपोरेशन गाढ़े में पड़ गया। संविदाकर्मी की मौत पर स्थाई लोक अदालत ने मुआवजे का आदेश दिया था। इस आदेश को चुनौती देना यूपी पावर कॉरपोरेशन को महंगा पड़ गया। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने न सिर्फ याचिका खारिज की बल्कि लोक अदालत द्वारा दिए गए 13 लाख 15 हजार रुपये के मुआवजे के आदेश को बढ़ाकर 23 लाख 78 हजार रुपये कर दिया। साथ ही मुआवजे से इंकार कर, मुकदमा दाखिल करने पर 50 हजार रुपये का अतिरिक्त हर्जाना भी लगाया है। हाईकोर्ट के इस आदेश से संविदाकर्मी के परिवार ने बड़ी राहत महसूस की है।

यह निर्णय न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की एकल पीठ ने यूपी पॉवर कॉर्पोरेशन की याचिका पर पारित किया। न्यायालय ने टिप्पणी की कि यह एक दुखद मामला है, जिसमें एक पब्लिक यूटिलिटी सर्विस ने यह याचिका दाखिल की है और ऐसे तर्क प्रस्तुत कर रही है जो उस जनकल्याण के उद्देश्य के अनुकूल नहीं हैं जिसके लिए उसकी स्थापना की गई है।

ये भी पढ़ें:पंछी पेठा के नाम से नकली दुकान चलाने वालों पर एक्शन, पुलिस ने उतरवाए बोर्ड

कॉर्पोरेशन ने यह स्वीकार किया था कि मृतक उसका संविदाकर्मी था जिसकी मृत्यु एक ट्रांसफार्मर ठीक करते हुए हो गई थी। हालांकि कॉर्पोरेशन की ओर से लोक अदालत द्वारा मुआवजे का आदेश देने की शक्ति पर सवाल उठाया गया। वहीं न्यायालय ने पाया कि मृतक संविदाकर्मी के परिवार को मुआवजे की जो धनराशि निर्धारित की गई है, वह तय मानकों से कम है।

ये भी पढ़ें:कृषि मंत्री के सामने अचानक पलट गई नाव, खनुआ नदी की सफाई के दौरान बाल-बाल बचे लोग

न्यायालय ने इस सम्बंध में विस्तृत आदेश और गणना करते हुए, 24 लाख 78 हजार रुपये की धनराशि को उपयुक्त माना जिसमें से एक लाख रुपये कॉर्पोरेशन द्वारा पूर्व में ही दिए गए। न्यायालय ने कहा कि बाकी की 23 लाख 78 हजार रुपये की रकम तीन माह में लोक अदालत के समक्ष जमा करायी जाय जो संविदाकर्मी की परिवार को दी जाएगी।