रूस और यूक्रेन के बीच शांति वार्ता दो घंटे से भी कम समय में खत्म हो गई। इस वार्ता में युद्धविराम की जगह ऐसी शर्तें रखी गईं जो कि टेंशन बढ़ाने वाली हैं।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की की तस्वीर लेने के लिए कथित तौर पर जारी किए गए इन नियमों की सूची को एक पत्रकार ने शेयर किया है। इससे पहले सोशल मीडिया पर जेलेंस्की के कद को लेकर मजाक बनाया जाता रहा है।
Russia Ukraine War Update: रूस-यूक्रेन शांति वार्ता को लेकर अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो का कहना है कि जब तक ट्रंप और पुतिन सामने से नहीं मिल लेते तब तक कुछ नहीं होने वाला है। यूक्रेन शांति वार्ता तुर्किए में होने वाली है, जिसमें पुतिन और ट्रंप दोनों ही नहीं आने वाले।
यूक्रेन और रूस के बीच बीते तीन सालों से जारी जंग के खत्म होने को लेकर बीते दिनों एक उम्मीद नजर आई थी। दोनों देश पहली बार सामने सामने बैठकर सीजफायर पर वार्ता करने वाले थे लेकिन…
तीन साल से चली आ रही जंग को समाप्त करने के लिए जेलेंस्की तुर्की पहुंच चुके हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि शांति वार्ता के नाम पर रूस की तरफ से दिखावटी माहौल तैयार किया गया है और पुतिन आएंगे या नहीं कुछ नहीं पता।
Russia-Ukraine Peace Talk: 14 मई को क्रेमलिन द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, रूस ने शांति वार्ता के लिए अपने प्रतिनिधिमंडल की सूची जारी कर दी है। इसमें ना तो पुतिन शामिल हो रहे हैं और ना ही विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव।
यूक्रेन सीजफायर की धुंधली उम्मीद के बीच पुतिन का 25 साल पुराना इंटरव्यू एक बार फिर चर्चा में है, जब उन्होंने खुलासा किया था एक चूहे ने उन्हें दौड़ाकर कोने में खड़ा कर दिया था। जानकार इसे यूक्रेन युद्ध से कनेक्शन मान रहे हैं।
Russia Ukraine War: रूसी राष्ट्रपति तुर्किए की राजधानी में होने वाली यूक्रेन शांति वार्ता में भाग नहीं लेंगे। पुतिन के न आने के फैसले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भी इसमें न आने का फैसला किया है। पुतिन की जगह पर उनके खास मेडिंस्की रूसी दल का नेतृत्व करेंगे।
यूक्रेन ने युद्ध विराम के लिए पुतिन को तुर्की आने का न्यौता दिया है। ट्रंप ने भी आने की इच्छा जताई है। इस बीच जेलेंस्की को पुतिन से एक डर सता रहा है, जो सीजफायर में सबसे बड़ा अड़ंगा हो सकता है।
भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध में तुर्की ने खुलेआम पाक का समर्थन किया। पाक ने भारत की तरफ जो ड्रोन भेजे, वो तुर्की मेड थे। आतंकपरस्त देश के हिमायती तुर्की ने अपनी चाल बदल दी है। वह रूस यूक्रेन युद्ध में शांति दूत बनने की कोशिश कर रहा है।