Ukraine us tension: रूस-यूक्रेन के मुद्दे में अमेरिका लगातार जेलेंस्की पर दवाब बना रहा है। खनिज डील को लेकर अमेरिका दवाब के बाद भी जेलेंस्की ने इस डील को अभी तक अस्वीकर कर दिया है। लेकिन अब बात सैटेलाइट इंटरनेट प्रदाता स्टारलिंक की यूक्रेन में उपलब्धता को कम करने पर पहुंच गई है।
ट्रंप पिछले कुछ समय से यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की पर हमला बोल रहे हैं। उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध के लिए जेलेंस्की को ही जिम्मेदार ठहराया और उन्हें तानाशाह तक करार दिया है।
ट्रंप ने दावा किया था कि यूक्रेन का नेतृत्व एक ‘तानाशाह’ कर रहा है जिसने रूस के साथ युद्ध शुरू किया। इसके बाद यूक्रेनी लोग जेलेंस्की के प्रति समर्थन जता रहे हैं।
जेलेंस्की के बयान के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने भी उन पर सीधा हमला बोला। उन्होंने जेलेंस्की को अयोग्य नेता करार देते हुए उन पर युद्ध शुरू करने का आरोप लगाया।
जेलेंस्की का यह बयान ऐसे समय आया है जब सऊदी अरब में यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने की संभावनाओं पर चर्चा हो रही है, लेकिन इसमें यूक्रेनी पक्ष को सीधे रूप से सम्मिलित नहीं किया गया है।
रूस की तरफ से एक बयान जारी कर बताया गया है कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ बातचीत करने के लिए तैयार हैं। इससे पहले अमेरिका और रूस के अधिकारियों ने मंगलवार को सऊदी अरब में एक हाई प्रोफाइल मीटिंग की है।
ट्रंप ने यूक्रेन पर महत्वपूर्ण वार्ता के लिए एक ऐसे मुस्लिम देश पर भरोसा जताया है, जो हाल के वर्षों में वैश्विक राजनीति में अपनी अहम भूमिका निभा रहा है। यह देश कोई और नहीं, बल्कि सऊदी अरब है।
रूस के हमले के ठीक बाद से ही यूक्रेन लगातार मांग करता रहा है कि उसे नाटो की सदस्यता दी जाए। अमेरिकी मंत्री ने कहा कि नाटो ऐसी किसी भी शक्ति का काम नहीं करेगा, जो यूक्रेन में शांति स्थापित करे। ऐसा कोई ऑपरेशन चला तो फिर उसकी कीमत यूरोप के लोग चुकाएंगे। कोई अमेरिकी सैनिक इसमें हिस्सा नहीं लेगा।
Russia Ukraine war: यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि हमारे बिना अगर कोई बातचीत होती है तो हम उसे स्वीकार नहीं करेंगे। हम किसी भी कीमत पर ऐसा कोई समझौता स्वीकार नहीं कर सकते जो पुतिन की योजना के मुताबिक हो।
Russia Ukraine war update: रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर अब समझौते की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। डोनाल्ड ट्रंप लगातार इस पर रूस से चर्चा की बात कह रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल यही है कि अमेरिका और रूस के बीच में मध्यस्थता कौन करेगा। इस पर अब क्रेमलिन ने जवाब दिया है।