सुनीता विलियम्स और विल्मोर 19 मार्च को पृथ्वी पर वापस लौट आएंगे। नासा लंबे समय से दोनों को सकुशल वापस पृथ्वी पर लाने के लिए प्रयास में लगा हुआ था। ऐसे में अब बस कुछ दिनों का ही इंतजार और बाकी है।
सुनीता विलियम्स को लेकर एलन मस्क और डेनिश एस्ट्रोनॉट एंड्रियास 'एंडी' मोंगेनसन की आपस में लड़ाई हो गई, जिसमें मस्क ने एस्ट्रोनॉट को मूर्ख और बेवकूफ तक करार दिया।
अगर यह क्षुद्रग्रह मुंबई या कोलकाता जैसे घनी आबादी वाले शहरों से टकराता है, तो पूरा इलाका खंडहर में बदल सकता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, इस टक्कर से होने वाला विस्फोट हिरोशिमा पर गिरे परमाणु बम से 500 गुना ज्यादा ताकतवर होगा।
नासा ने दावा किया है कि धरती की ओर तेज गति से बढ़ रहे एस्टरॉयड के टकराने की संभावना बढ़ गई है। यह क्षुद्रग्रह 2032 तक धरती के करीब पहुंच सकता है। भारत को भी इसके टकराने के संभावित क्षेत्र में रखा गया है।
वैज्ञानिकों ने एक रहस्यमयी ब्लैक होल की खोज की है। यह भी बताया कि जिस आकाशगंगा में यह ब्लैक होल है, वह धीरे-धीरे हमारी गैलेक्सी मिस्की वे की तरफ बढ़ रही है। भविष्य में दोनों की टक्कर की संभावना है।
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर आठ महीने बिताने के बाद सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर धरती की ओर रवाना होने वाले हैं। लेकिन यह सफर इतना आसान नहीं होगा। सुनीता विलियम्स को सबसे बड़ी चुनौती पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण शक्ति से दोबारा तालमेल बैठाने की होगी।
आठ महीने से स्पेस में फंसे हैं बुच विल्मोर और सुनीता विलियम्स नई
नासा और इसरो बहुत जल्द एक खास सैटेलाइट इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में भेजेंगे। इस सैटेलाइट को नाम दिया गया है निसार। व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने इस बारे में ऐलान किया।
नासा के वाणिज्यिक क्रू प्रोग्राम के प्रबंधक स्टीव स्टिच ने एक बयान में कहा, 'अंतरिक्ष यात्रा अप्रत्याशित चुनौतियों से भरी हुई है।' परीक्षण पायलटों को जून में बोइंग के स्टारलाइनर कैप्सूल पर वापस लाया जाना था।
Sunita Williams News: ट्रंप ने आरोप लगाया था कि बाइडन प्रशासन ने सुनीता विलियम्स को अंतरिक्ष में उनके ही हाल पर छोड़ दिया है। इस पर चुप्पी तोड़ते हुए विलियम्स ने कहा कि हम ऐसी हालत में हैं, जहां स्पेस स्टेशन पूरी तरह से मानवयुक्त है और विश्व स्तर के विज्ञान पर काम कर रहे।