आपकी कीमत क्या है... CM ममता पर टिप्पणी कर विवादों में घिरे पूर्व जज, सत्ताधारी दल आगबबूला
Ex Judge Abhijeet Gangopadhyay: एक वायरल वीडियो में पूर्व जज गंगोपाध्याय को कथित तौर पर यह कहते हुए सुना गया है। वीडियो में वह कथित तौर पर कह रहे हैं कि ममता बनर्जी आप खुद को किस कीमत पर बेचती हैं?

Ex Judge Abhijeet Gangopadhyay: कलकत्ता हाई कोर्ट के पूर्व जज और पश्चिम बंगाल के तमलुक संसदीय सीट से भाजपा उम्मीदवार अभिजीत गंगोपाध्याय नए विवाद में फंस गए हैं। उन्होंने गुरुवार को कथित तौर पर यह पूछकर राज्य में सियासी विवाद और बवाल खड़ा कर दिया है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी किस कीमत पर बिकती हैं। एक वायरल वीडियो में गंगोपाध्याय को कथित तौर पर यह कहते हुए सुना गया है। वीडियो में वह कथित तौर पर कह रहे हैं, "ममता बनर्जी आप खुद को किस कीमत पर बेचती हैं? क्या वह 10 लाख रुपये है...?"
हिन्दुस्तान और हिन्दुस्तान टाइम्स समूह स्वतंत्र रूप से उस वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता है, जिसमें पूर्व न्यायाधीश ने कथित तौर पर यह भी कहा था कि बनर्जी अपना मेकअप बंगाल के एक प्रसिद्ध सौंदर्य चिकित्सक से करवाती हैं। गंगोपाध्याय ने कथित तौर पर ये भी कहा, "मुझे अक्सर संदेह होता है कि क्या आप महिला हैं।"
पूर्व जज के इस टिप्पणी पर तृणमूल कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और गंगोपाध्याय पर महिलाओं का अपमान करने का आरोप लगाया है। दूसरी तरफ भाजपा ने 19 सेकंड के वीडियो क्लिप की प्रामाणिकता पर ही सवाल उठाए हैं। टीएमसी नेताओं ने चुनाव आयोग से गंगोपाध्याय के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। TMC प्रवक्ता शांतनु सेन ने कहा, "यह शर्म की बात है कि एक पूर्व न्यायाधीश देश की एकमात्र महिला मुख्यमंत्री पर आरोप लगाने के लिए ऐसी भाषा का इस्तेमाल करता है। यह भाजपा की गारंटी प्रतीत होती है कि उसके शासन में महिलाओं का अपमान किया जाएगा।"
दूसरी तरफ, भाजपा नेताओं ने दावा किया कि वायरल वीडियो फर्जी है। बंगाल भाजपा के मुख्य प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा, "वीडियो फर्जी है। यह टीएमसी की एक चाल है। भाजपा को बदनाम करने के लिए फर्जी वीडियो जारी किया गया है लेकिन इस तरह की रणनीति का लोकसभा चुनाव के नतीजों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।"
बता दें कि अभिजीत गंगोपाध्याय ने 5 मार्च को सीधे राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा भेजकर स्वैच्छिक सेवानिवृति मांगी थी। उनका इस्तीफा संविधान के अनुच्छेद 217 (1) (ए) के तहत तुरंत प्रभाव से लागू हो गया था। इसके दो दिन बाद 7 मार्च को वह भाजपा में शामिल हो गए थे। इस पर तृणमूल कांग्रेस चीफ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने जस्टिस गंगोपाध्याय द्वारा दिए गए फैसलों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए थे क्योंकि उनमें से अधिकांश फैसले उनकी पार्टी के नेताओं या उनकी सरकार के खिलाफ थे। गंगोपाध्याय ने ही शिक्षक भर्ती घोटाले में भ्रष्टाचार के मामले में फैसला दिया था और 24000 शिक्षकों की नियुक्ति रद्द करने का आदेश दिया था। भाजपा ने मौजूदा चुनावों में इसे मुद्दा बना लिया है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।