विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बीजिंग में चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की। बैठक के बाद चीनी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दोनों देशों को एक-दूसरे पर संदेह और अलगाव दूर ही रखना चाहिए।
विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि विदेश सचिव-उपमंत्री तंत्र की एक बैठक के लिए चीन जा रहे हैं। इसमें कहा गया है कि इस द्विपक्षीय तंत्र की बहाली नेतृत्व स्तर पर हुए समझौते से हुई है, जिसमें भारत-चीन संबंधों के लिए अगले कदमों पर चर्चा की जाएगी।
हमेशा पाकिस्तान का समर्थन करने वाला चीन भी इस उपलब्धि पर भारत की तारीफ करने से खुद को रोक नहीं पाया।
फोन में सेना द्वारा विकसित M-Sigma जैसे एप्लिकेशन हैं, जिसे व्हाट्सएप के समकक्ष माना जा रहा है। यह ऐप मैसेजेस, डॉक्यूमेंट्स, तस्वीरों और वीडियो को शेयर करने के लिए पूरी तरह से सुरक्षित माना जा रहा है।
सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने एक आधिकारिक बयान के हवाले से बताया कि चीन सरकार ने यारलुंग जांग्बो नदी (ब्रह्मपुत्र का तिब्बती नाम) के निचले इलाकों में एक जलविद्युत परियोजना के निर्माण को मंजूरी दे दी है।
भारत की सीमा पर चीन बांध बनाने की तैयारी में है। इस बांध के बनने के बाद पानी के बहाव के साथ-साथ क्षेत्रीय स्थिरता पर भी असर पड़ने की आशंका है। इस बांध से भारत के साथ-साथ बांग्लादेश पर भी असर पड़ेगा।
चीन AI-सक्षम हल्के कामिकाज ड्रोन को बड़ै पैमाने पर तैयार कर रहा है। यह कदम न केवल भारत के लिए एक गंभीर चुनौती प्रस्तुत करता है, बल्कि अपने अजीज दोस्त पाकिस्तान के जरिए और अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों में भी सुरक्षा चिंताओं को बढ़ा सकता है।
India-China: 2016 में जब चीन ने भूटान के क्षेत्र में पहला गांव बनाया था तब से अब तक 22 गांव और बस्तियां बन चुकी हैं। इनमें करीब 2284 घर हैं। लगभग 7000 लोग इन इलाकों में बसाए गए हैं। रॉबर्ट बार्नेट ने अपनी हालिया रिपोर्ट में इसकी बात की थी।
विशेष प्रतिनिधियों की बैठक 5 साल के बाद हो रही है। पिछली बैठक 2019 में दिल्ली में हुई थी। भारत-चीन के बीच विवाद को निपटाने के लिए विशेष प्रतिनिधियों के इस तंत्र ने पिछले कुछ वर्षों में 22 बार बैठक की हैं।
एक तरफ चीन एलएसी पर से सैनिकों की वापसी के बाद भारत से दोस्ती चाहता है, मगर दूसरी तरफ भारत विरोधी बांग्लादेशी कट्टरपंथियों के साथ याराना निभा रहा है।