सभी राज्यों में पीक आवर्स यानी शाम 5 बजे से देर रात तक उपभोग की जाने वाली बिजली की दरें दिन की बिजली की अपेक्षा 15 से 20% तक महंगी हो सकती हैं। इसकी जद में अकेले यूपी से करीब 3.30 करोड़ उपभोक्ता आएंगे। यूपी के 15 लाख किसान उपभोक्ता इन महंगी दरों से अछूते रहेंगे।
बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों के उपभोक्ताओं को बिजली बिल में राहत मिलने वाली है। विद्युत विनियामक आयोग को प्रति यूनिट 40 पैसे की कटौती करने का प्रस्ताव दिया गया है।
पिछले दिनों में डेढ़ हजार से अधिक बिजली मीटर बार-बार खराब हुए। एक हफ्ते की जांच में 29 मीटर जलने से खराब मिले। जले हुए मीटरों की मेमोरी निकालकर जांच की गई तो रीडिंग स्टोर मिली है। एमडी ने इन उपभोक्ताओं के यहां रीडिंग लेने वाले रीडरों पर नामजद रिपोर्ट कराने के निर्देश दिए हैं।
उत्तर प्रदेश में बिजली दर तय करने की नई नियामवली का मसौदा उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने तैयार किया है, जिसे जल्द जारी कर दिए जाने की सूचना है। मल्टी ईयर टैरिफ रेगुलेशन-2025 के इस मसौदे में तय मानक के आधार पर ही सभी बिजली कंपनियों की बिजली दरें तय की जाएंगी।
जानकारी के अनुसार 660 मेगावाट में से बिहार को 561 मेगावाट बिजली मिलने लगेगी। वहीं बाढ़ स्टेज वन की तीसरी इकाई का निर्माण भी अंतिम चरण में है। 660 मेगावाट की इस इकाई से बिहार को 397 मेगावाट बिजली मिलेगी।
यूपी में बिजली महकमा बिल वसूली में फेल रहा लेकिर विद्युत सखियां वसूली कर रही हैं। 26 दिसंबर को एक दिन में 13 करोड़ रुपये और दस दिन में बकाये 102 करोड़ वसूली करके 118 लाख कमाए हैं। 2000 तक के बिल पर 20 रुपये और इससे अधिक पर बिल राशि का एक फीसदी कमाती हैं।
बिजली बिल के बकायेदार उपभोक्ताओं के लिए 15 दिसंबर से 31 जनवरी तक के लिए एकमुश्त समाधान योजना शुरू हो रही है। यह योजना तीन चरणों में चलेगी। योजना के तहत बिजली बिल पर लगे सरचार्ज की छूट मिलेगी।,
उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मचारियों ने निजीकरण के खिलाफ प्रबंधन से दो-दो हाथ करने का मूड बना लिया है। ऐलान किया है कि निजीकरण की किसी भी एकतरफा कार्यवाही के विरोध में बगैर नोटिस दिए राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश में बिजली के निजीकरण के विरोध में लखनऊ समेत सभी जिला एवं परियोजनाओं में बिजली कर्मचारियों एवं अभियंताओं ने काली पट्टी बांधकर अपना विरोध दर्ज कराया।
यूपी में बिजली कंपनियों को पीपीपी माडल पर निजी घरानों को देने यानी निजीकरण की प्रक्रिया गुरुवार को और एक कदम आगे बढ़ गई। शासन में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में एनर्जी टास्क फोर्स की बैठक हुई।