दिल्ली की साइबर थाना पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट लोगों को ठगने वाले तीन शातिर जालसाजों को गिरफ्तार किया है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इन लोगों ने ठगी के लिए सुप्रीम कोर्ट का फर्जी सेटअप भी बनाया हुआ था और पीड़ितों को फर्जी जज के सामने ही ऑनलाइन पेश किया जाता था।
कोतवाली क्षेत्र में बुजुर्ग भाई-बहन को डिजिटल अरेस्ट कर साइबर ठगों ने 16 दिनों के भीतर 65 लाख रुपये से ज्यादा रुपये ठग लिए। दोनों को बाल अपरहण गिरोह में शामिल होने की बात कहकर डराया गया। मंगलवार को पीड़ितों की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया है।
पटना में लालू एवं तेजस्वी यादव की पार्टी आरजेडी के एक एमएलसी को साइबर ठग ने घंटों तक डिजिटल अरेस्ट रखा। खुद को मुंबई साइबर क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने की धमकी दी।
सेवानिवृत्त डॉ. बीएन सिंह को 2 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा गया। उन्हें पार्सल में अवैध सामान मंगवाने के नाम पर डिजिटल अरेस्ट किया गया। जेल भेजने की धमकी देकर 95 लाख रुपये ठग लिए। धमकी से डरे-सहमे डॉक्टर ऑनलाइन बैंकिंग नहीं करते। उन्होंने जालसाजों के बताए गए खाते में रकम आरटीजीएस से ट्रांसफर कराई।
सीनियर अधिकारी ने बताया कि ने बताया कि म्यांमार में प्रवेश करते ही पीड़ितों को सशस्त्र विद्रोही समूह कड़ी सुरक्षा वाले परिसरों में ले जाते थे और उन्हें बड़े पैमाने पर फर्जी निवेश योजनाओं के नाम पर साइबर धोखाधड़ी करने के लिए मजबूर करते थे।
बेलागावी में एक बुजुर्ग दंपती ने डिजिटल अरेस्ट की धमकी से परेशान होकर खुदकुशी कर ली। वह महाराष्ट्र सरकार के रिटायर्ड कर्मचारी थे। सूइसाइड नोट में उन्होंने कहा कि उनके शव को दान कर दिया जाए।
राजधानी लखनऊ की महिला प्रोफेसर को सीबीआई अफसर बन 22 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट कर रखा। धमकाया कि गिरफ्तारी से बचना है तो रुपए ट्रांसफर करो। 78 लाख रुपये पांच खातों में जमा कर लिए।
अलीगढ़ में साइबर ठगों ने एएमयू की रिटायर्ड महिला प्रोफेसर को शिकार बनाया है। डिजिटल अरेस्ट का भय दिखाकर उनसे सात लाख रुपये की ठगी की। वीडियो कॉल करके अपराध में संलिप्त होने की बात कही और रुपये ट्रांसफर करा लिए।
नोएडा में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के रिटायर्ड अधिकारी और उनकी पत्नी को 15 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रख 3 करोड़ रुपये ठगने का मामला सामने आया है। जालसाजों ने बुजुर्ग दंपती को सीबीआई का डर दिखाकर झांसे में लिया था।
ठगों ने 86 वर्षीय महिला से 2 महीनों में 20 करोड़ रुपये ऐंठ लिए। महिला को 'डिजिटल पुलिस कस्टडी' में रखा गया, जहां उसे रिश्तेदारों से बात करने की अनुमति नहीं थी।