कोरियर में अवैध समान के नाम पर रिटायर्ड डॉक्टर को 2 दिन रखा डिजिटल अरेस्ट, 95 लाख रुपए ठगे
- सेवानिवृत्त डॉ. बीएन सिंह को 2 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा गया। उन्हें पार्सल में अवैध सामान मंगवाने के नाम पर डिजिटल अरेस्ट किया गया। जेल भेजने की धमकी देकर 95 लाख रुपये ठग लिए। धमकी से डरे-सहमे डॉक्टर ऑनलाइन बैंकिंग नहीं करते। उन्होंने जालसाजों के बताए गए खाते में रकम आरटीजीएस से ट्रांसफर कराई।

साइबर जालसाजों ने खुद को पुलिस अधिकारी बताकर गोमतीनगर विराट खंड दो में रहने वाले सेवानिवृत्त डॉ. बीएन सिंह को दो दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा। उन्हें पार्सल में अवैध सामान मंगवाने के नाम पर डिजिटल अरेस्ट किया। जेल भेजने की धमकी देकर 95 लाख रुपये ठग लिए। धमकी से डरे-सहमे बुजुर्ग डॉक्टर ऑनलाइन बैंकिंग नहीं करते। इसलिए वह बैंक की शाखा में जाकर जालसाजों के बताए गए खाते में रकम आरटीजीएस से ट्रांसफर कराई। पीड़ित डॉक्टर की तहरीर पर साइबर थाने में अज्ञात जालसाजों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
इंस्पेक्टर साइबर थाना ब्रजेश कुमार यादव ने बताया कि डॉ. बीएन सिंह घर पर अकेले रहते हैं। उनके बच्चे शहर के बाहर नौकरी करते हैं। कुछ साल पहले ही वह सेवानिवृत्त हुए थे। खाते में रिटायरमेंट और फंड के रुपये जमा थे। छह अप्रैल की दोपहर उनके पास एक अनजान नंबर से फोन आया। फोन करने वाले ने अपना नाम दीपक श्रीवास्तव बताया। कहा कि ब्लू डॉट कुरियर कंपनी से बोल रहा है। आपके नाम का एक पार्सल पकड़ा गया है। उसमें कुछ अवैध सामान है।
इस संबंध में आपसे पुलिस के बड़े अधिकारी के मोहनदास बात करेंगे। इसके बाद दीपक ने कांफ्रेंस पर लेकर उनसे बात कराई। मोहनदास ने जेल भेजने की धमकी देते हुए कहा कि आपका आधार कार्ड भी कुछ गलत कुरियर में प्रयोग किया गया है। जांच लंबी चलेगी। इस दौरान आप किसी से बात नहीं करेंगे न ही कुछ बताएंगे। आगे की जानकारी मेरा असिस्टेंट देगा। जांच में उसका सहयोग करना नहीं तो जेल भेज दिए जाओगे। फिर शाम को वीडियो कॉल आई।
कॉल करने वाले लोग वर्दी में दिख रहे थे। बैंक खातों की जानकारी मांगी और कहा कि कल आपसे बात की जाएगी। फिर अगले दिन वीडियो कॉल और चैट के जरिए बातचीत की। जालसाजों ने धमकाया कि आप निगरानी में हैं। हमारे लोग आप पर नजर रखे हैं। इस कारण डॉ. बीएन सिंह डर गए। जालसाजों ने उन्हें कई बैंक खाते बताए और आईएफसी कोड बताया। खातों में रुपये ट्रांसफर करने को कहा।
जालसाजों ने डॉक्टर से कहा कि रुपये जांच के बाद आपको वापस कर दिए जाएंगे। जब डॉक्टर बोले कि वह ऑनलाइन बैंकिंग नहीं करते हैं, तो उन्हें बैंक जाकर आरटीजीएस करने को कहा। डॉक्टर ने बैंक पहुंचकर जालसाजों के बताए गए खाते में 95 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। घर लौटे तो जालसाजों ने और रुपये ट्रांसफर करने को कहा। इस पर डॉक्टर को शक हो गया और उन्होंने फोन काट दिया। इसके बाद परिवारीजन को फोन कर जानकारी दी। फिर ऑनलाइन साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराकर साइबर थाने में तहरीर दी। इंस्पेक्टर ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर जालसाजों के खाते के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।
और पैसे मांगने पर हुआ जालसाजी का शक
डॉक्टर ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि सात अप्रैल को जालसाजों के बताए गए खाते में रुपये ट्रांसफर किए थे। घर लौटने पर जब उन्हें जानकारी दी कि रुपये ट्रांसफर हो गए हैं, तब उन्होंने 25 लाख रुपये और ट्रांसफर करने को कहा। इससे शक हुआ, तो परिवारीजन को जानकारी दी।
कॉलर ट्यून सुनता हूं पर डर गया था...
रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंचे डॉ. से इंस्पेक्टर ने पूछा कि सर, क्या आप मोबाइल की कॉलर ट्यून नहीं सुनते हैं? सरकार द्वारा फोन की कालर ट्यून से आगाह किया जा रहा है। मीडिया भी खूब प्रचार प्रसार कर रहा है। डॉक्टर ने उत्तर दिया कि क्या करें, जालसाजों की धमकी से डर गया था। जेल गया तो जीवन भर की बनाई इज्जत चली जाएगी।