CBI से बोल रहा हूं; 86 साल की महिला 2 महीने रहीं डिजिटल अरेस्ट, कहानी करोड़ों की ठगी की
- ठगों ने 86 वर्षीय महिला से 2 महीनों में 20 करोड़ रुपये ऐंठ लिए। महिला को 'डिजिटल पुलिस कस्टडी' में रखा गया, जहां उसे रिश्तेदारों से बात करने की अनुमति नहीं थी।

डिजिटल अरेस्ट की एक और घटना सामने आई है। इस बार ठगों ने मुंबई की एक बुजुर्ग महिला को निशाना बनाया है। एक फर्जी कहानी गढ़ी गई, जिसमें ठग खुद को CBI यानी सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन का अधिकारी बताते रहे और बुजुर्ग मासूम महिला को मनी लॉन्ड्रिंग का आरोपी बना दिया। करीब 2 महीने तक चले इस खेल में पीड़ित महिला से करोड़ों रुपये ऐंठ लिए गए। जब मामला सामने आया, तो अंदर की कहानी और ज्यादा डराने वाली निकली।
रिश्तेदारों से बात करने पर रोक
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, ठगों ने 86 वर्षीय महिला से 2 महीनों में 20 करोड़ रुपये ऐंठ लिए। महिला को 'डिजिटल पुलिस कस्टडी' में रखा गया, जहां उसे रिश्तेदारों से बात करने की अनुमति नहीं थी। ठगों ने व्हाट्सएप के जरिए महिला के परिवार, कारोबार और निवेशों के बारे में जानकारी निकाल ली थी और रुपये अपने खाते में ट्रांसफर करा लिए थे।
ऐसे बनाया शिकार
खबर है कि महिला को आए पहले फोन में ठग ने खुद को CBI से संदीप राव बताया। उसने आरोप लगाए कि महिला के नाम पर एक बैंक खाता खुला है और उसका इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किया जा रहा है। आरोपी उसे हर तीन घंटों में फोन करते थे, लोकेशन की जानकारी लेते थे और घर में ही रहने के लिए कहते थे। इस मामले में मीरा रोड के शयान शेख और राजिक बट्ट को गिरफ्तार किया गया है। दोनों की उम्र 20 साल है।
राव ने महिला से कहा कि उनके केस की जांच सीबीआई कर रही है और शिकायत दर्ज की जा चुकी है। व्हाट्सएप कॉल के दौरान आरोपी ने महिला को धमकाया कि उनके बच्चों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा और उनके बैंक खाते फ्रीज कर दिए जाएंगे। आरोपी ने महिला से कहा कि एक अरेस्ट वॉरंट है, फ्रीज वॉरंट है और कॉन्फिडेंशियल एग्रीमेंट है। साथ ही धमकाया गया कि अगर मदद नहीं की तो उनके घर पुलिस भेजी जाएगी।
ऐसे डराकर रखा
आरोपियों ने महिला को डराया कि पुलिस उनकी निगरानी कर रही है और बैंक खातों की जानकारी निकाली गई। राव के अलावा एक और शख्स खुद को राजीव रंजन बता रहा था और सुप्रीम कोर्ट के फर्जी नोटिस भेज रहा था। साथ ही केस से उनका नाम हटाने के बदले में उनके खाते का सारा रुपया कोर्ट के खाते में डालने के लिए कहा गया। ठगों ने जांच के बाद रकम वापस करने की बात कही थी।
कैसे खुली बात
पीड़िता के घर पर काम करने वाली एक महिला ने बुजुर्ग के बर्ताव में भयंकर बदलाव देखा। इसके बाद उनकी बेटी को सूचित किया गया। अखबार के अनुसार, पुलिस ने कहा, 'वह अपने कमरे में रहती थीं, किसी पर चिल्लाती थीं और बाहर सिर्फ भोजने करने के लिए आती थीं।' आरोपियों ने इस धन को क्रिप्टोकरंसी में बदल दिया था।