Hindi Newsदेश न्यूज़Who was Justice Kailash Nath Wanchoo he became the CJI of India without a degree nishikant dubey

कौन थे जस्टिस कैलाशनाथ वांचू, बगैर कानून की डिग्री के बने CJI, अब क्यों चर्चा में आए

  • जस्टिस कैलाशनाथ वांचू ICS अधिकारी थे, जो आगे चलकर भारत के 10वें सीजेआई बने थे। उनका जन्म साल 1903 में मध्य प्रदेश में हुआ था। वह अपने परिवार में पहले न्यायाधीश थे।

Nisarg Dixit लाइव हिन्दुस्तानTue, 22 April 2025 09:30 AM
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कौन थे जस्टिस कैलाशनाथ वांचू, बगैर कानून की डिग्री के बने CJI, अब क्यों चर्चा में आए

CJI यानी भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना के बाद लोकसभा सांसद निशिकांत दुबे ने अब भारत के 10वें सीजेआई का जिक्र किया है। उन्होंने लिखा है कि CJI रहे कैलाशनाथ वांचू ने कानून की डिग्री हासिल नहीं की थी। जस्टिस वांचू सुप्रीम कोर्ट के शीर्ष पद पर साल 1967 से लेकर 1968 के बीच रहे। वह देश के 10वें मुख्य न्यायाधीश थे।

सांसद दुबे ने एक्स पर लिखा, 'क्या आपको पता है कि 1967-68 में भारत के मुख्य न्यायाधीश कैलाशनाथ वांचू जी ने क़ानून की कोई पढ़ाई नहीं की थी।' इससे पहले उन्होंने CJI खन्ना को भारत में 'गृह युद्ध' का जिम्मेदार बताया था।

कौन थे जस्टिस कैलाशनाथ वांचू

जस्टिस कैलाशनाथ वांचू ICS अधिकारी थे, जो आगे चलकर भारत के 10वें सीजेआई बने थे। उनका जन्म साल 1903 में मध्य प्रदेश में हुआ था। वह अपने परिवार में पहले न्यायाधीश थे। लॉ ट्रेंड के अनुसार, साल 1924 में उन्होंने सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास की और बाद में ट्रेनिंग पूरी करने के लिए ब्रिटेन का रुख किया।

साल 1926 में उन्होंने यूनाइटेड प्रोविंस में असिस्टेंट मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया था और बाद में वह रायबरेली के जिला जज बने। रिपोर्ट के अनुसार, ICS की ट्रेनिंग के दौरान उन्हें आपराधिक कानून के बारे में सिखाया गया था। ट्रेनिंग से लौटने के बाद उन्होंने उत्तर प्रदेश में कलेक्टर के तौर पर काम किया और इस पद पर रहते हुए लोकप्रियता भी हासिल की।

कानूनी सफर

साल 1947 में वह इलाहाबाद हाईकोर्ट में कार्यकारी न्यायाधीश बने। वहीं 1956 में उन्हें न्यू राजस्थान हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया था।

ऐसे बने CJI

जस्टिस वांचू के सीजेआई बनने की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है। रिपोर्ट के मुताबिक, 11 अप्रैल 1967 तारीख जस्टिस वांचू के जीवन में काफी अहम साबित हुई। उस दौरान तत्कालीन सीजेआई के सुब्बाराव ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद वांचू को भारत का 10वां सीजेआई नियुक्त किया गया था।

24 अप्रैल 1967 को उन्होंने भारत के मुख्य न्यायाधीश का पद संभाला। वह 10 महीनों तक पद पर रहे और 24 फरवरी 1968 को रिटायरमेंट का ऐलान कर दिया था। कार्यकाल के दौरान उन्होंने 355 फैसले सुनाए। इसके बाद उनके उत्तराधिकारी जस्टिस मोहम्मद हिदायतुल्लाह बने।

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