दिल्ली में प्रचंड बहुमत के साथ 27 साल बादल एक बार फिर से कमल खिल गया है। 70 सीटों वाली दिल्ली विधानसभा के चुनाव में भाजपा ने 48 सीटों पर जीत दर्ज की है। वहीं, आम आदमी पार्टी को 22 सीटें मिली हैं, जबकि कांग्रेस 2015 और 2020 के बाद एक बार फिर अपना खाता तक नहीं खोल पाई।
दिल्ली के दंगल में भाजपा के दो फीसदी मतों का दांव आम आदमी पार्टी पर भारी पड़ा। भाजपा ने विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी (आप) से करीब दो फीसदी मत ज्यादा हासिल किए, लेकिन सीटें दोगुने से ज्यादा जीत लीं।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में इस बार बिहार के पांच प्रत्याशियों ने परचम लहराया है। भाजपा से अभय वर्मा, डॉ. पंकज कुमार सिंह और चंदन चौधरी ने दिल्ली चुनाव में जीत दर्ज की है। वहीं, ‘आप’ से अनिल झा और संजीव झा को भी सफलता मिली है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे के आने के बाद इसका असर निगम की सत्ता पर भी पड़ेगा। भाजपा के 11 पार्षदों ने विधानसभा चुनाव लड़ा था। इसमें से सात पार्षदों ने विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की है। भाजपा के दो मनोनीत पार्षदों ने भी चुनाव लड़ा था, जिसमें से एक पार्षद ने चुनाव जीता।
भाजपा ने दिल्ली चुनाव में झुग्गी बस्तियों के वोट बैंक में बड़ी सेंध लगाई है। झुग्गीवासियों को अब तक आप का कट्टर समर्थक माना जाता था। लेकिन इस बार झुग्गी बस्तियों में भाजपा को जमकर वोट मिले हैं।
दिल्ली चुनाव 2025 में महिलाओं के सबसे ज्यादा मतदान वाली 40 सीटों में से 29 पर भाजपा विजयी रही, जबकि आम आदमी पार्टी ने इनमें से महज 11 सीटें जीती हैं।
स्वराज इंडिया के सह-संस्थापक और चुनाव विशेषज्ञ योगेंद्र यादव ने कहा कि अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया का हारना आम आदमी पार्टी के भविष्य पर सवाल उठाता है। यादव ने कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की हार न केवल पार्टी के लिए बल्कि पूरे विपक्ष के लिए झटका है।
दिल्ली चुनाव में 27 साल बाद एक बार फिर भाजपा का कमल खिल गया है। भाजपा की बंपर जीत के बीच दिल्ली की निवर्तमान मुख्यमंत्री आतिशी मार्लेना समेत आम आदमी पार्टी (आप) के कुल 22 उम्मीदवार अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे हैं।
दिल्ली में 26 साल बाद बीजेपी की सत्ता में वापसी और AAP की हार ने INDIA गठबंधन के भविष्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं। कांग्रेस ने साफ किया कि AAP को जिताना उनकी जिम्मेदारी नहीं। विशेषज्ञ मानते हैं कि विपक्षी गठबंधन को आगामी चुनावों में और नुकसान हो सकता है।
Congress Happy on AAP Election Losses: कांग्रेस नेताओं को लगता है कि दिल्ली चुनाव में आप की हार से दोनों ही राज्यों में लाखों कांग्रेस कार्यकर्ताओं को मनोबल बढ़ेगा और अंतत: वे जीत के निरंतर प्रयासों की तरफ बढ़ सकेंगे।