सिंगापुर के लोगों से साइबर अपराधियों ने ठगी की थी, जिसकी राशि बिहार पहुंची और नालंदा, नवादा एवं पटना के बैंक खातों से इसकी निकासी की गई।
ऑनलाइन डेटिंग की डिजिटल प्रेमिका ने पटना के युवक को पोपट बना दिया। युवती ने निवेश का झांसा देकर संपत्तचक निवासी से 27 लाख ठग लिए।
संदीप दागर नामक एक व्यक्ति ने खुद को सीबीआई का अधिकारी बताते हुए वीडियो कॉल किया। उसने आधार नंबर किसी अपराधी को देने, केनरा बैंक में खाता खुलवाकर उसमें 17 करोड़ रुपए के लेन-देन का आरोप लगाते हुए मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने की धमकी दी।
ऐसा लगता था जैसे कि मैसेज MD के व्हाट्सएप अकाउंट से आया हो। उसकी तस्वीर डिस्प्ले सेक्शन में लगी थी। जालसाज ने अधिकारी को लगभग 2 करोड़ रुपये ट्रांसफर करने के लिए बरगला लिया।
ट्रेनिंग देने के बाद मोटी कमाई का लालच देकर युवाओं को साइबर ठगी के दलदल में धकेल दिया जाता है। साइबर ठगी के लिए वे युवाओं की टीम बनाकर काम करते हैं। गिरोह के सदस्यों को ठगी की राशि में मोटा कमीशन भी दिया जाता है।
शातिर इसको लेकर लिंक भी भेजते हैं। जिनपर क्लिक करते ही मोबाइल या कंप्यूटर का पूरा एक्सेस साइबर अपराधियों के पास चला जाता है। इसके बाद वे नेट बैंकिंग और यूपीआई के सेटअप को रिसेट कर देते हैं। एक्सेस मिलने के कारण ओटीपी भी इन्हें आसानी से प्राप्त हो जाता है।
ठगी की राशि निकालने के लिए मुख्य रूप से म्यूल या फर्जी बैंक खातों का उपयोग किया जाता है। इन खातों को किसी दूसरे या फर्जी व्यक्ति की आधार संख्या या अन्य जरूरी दस्तावेज की मदद से खोले जाते हैं। ऐसे खाते बैंकों के स्तर से संचालित सीएससी (ग्राहक सेवा केंद्र) के स्तर पर बड़ी संख्या में खोले जाते हैं।
साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर आने वाली सभी तरह की साइबर धोखाधड़ी या फ्रॉर्ड की शिकायतों का अब श्रेणी के आधार पर वर्गीकरण किया जाएगा। इसके लिए 10 तरह की श्रेणियां बनाई गई हैं। इन्हीं श्रेणियों के आधार पर प्राप्त सभी शिकायतों का पहले वर्गीकरण करने के बाद ही इन्हें दर्ज किया जाएगा।
ऑनलाइन ठगी के नए-नए तरीके इजाद कर रहे साइबर ठगों से ग्राहकों को बचाने के लिए बिजली कंपनी ने उपभोक्ताओं को सतर्क और जागरूक रहने कहा है।
सऊदी अरब व पाकिस्तान से सबसे ज्यादा कॉल आते हैं। जिन उपभोक्ताओं को कोड का पता नहीं होता है वो कॉल उठा लेते हैं। ठग उनसे क्षेत्रीय भाषा में बात करते हैं। इससे लगता है कि अपने ही जान पहचान का होगा। ऐसे में वो बैंक व आधार से जुड़ी जानकारी साझा कर देते हैं।