छानबीन में पता चला है कि दाखिल खारिज के 451 तथा भूमि विवाद से संबंधित 36 फाइलें अब भी गायब हैं। अधिकारियों को आशंका है कि सभी फाइल पूर्व डीसीएलआर के पास हैं। इन फाइलों में भी बैकडेट में आदेश पारित करने की आशंका है।
डीएसपी के साले हिमांशु को जांच एजेंसी की टीम भभुआ में उस स्थान पर लेकर गई थी, जहां रॉकी यादव से इन्होंने 25 लाख रुपये घूस के तौर पर लिये थे। स्पॉट वेरिफिकेशन कर सभी तथ्यों पर जांच शुरू कर दी गई है।
भ्रष्ट लोकसेवकों के खिलाफ कार्रवाई से पहले विभाग के अवर सचिव या इसके ऊपर रैंक के अधिकारी से अनुमति लेनी होगी। डीआईजी रैंक से नीचे के अधिकारी किसी संदिग्ध लोकसेवक पर आय से अधिक संपत्ति (डीए) का केस दर्ज नहीं करा सकेंगे।
निगरानी की टीम ने दारोगा को बनघारा बाजार के पास से पकड़ा। सुमनजी झा मूल रूप से मधुबनी जिले के भेजा थाना का निवासी है। गिरफ्तारी के समय वह हंगामा खड़ा करते हुए कुछ लोगों को जुटाकर निगरानी टीम से भिड़ गया। उसने माहौल बनाने की भी कोशिश की लेकिन उसकी दाल नहीं गली। उसके पास से घूस की राशि बरामद की गई।
पत्र में काली कमाई और पद का दुरुपयोग करके जमा की गई करोड़ों की अवैध संपत्ति से जुड़े सभी साक्ष्य दिए गए हैं जिसके आधार पर पूरी तरह से आय से अधिक संपत्ति (डीए) का मामला बनता है। दो दिन पहले लिखा यह पत्र राज्य की एसवीयू को प्राप्त हो गया है। इस पर संबंधित एजेंसी ने उचित कार्रवाई भी शुरू कर दी है।
बिहार बीजेपी अध्यक्ष सह राजस्व भूमि सुधार मंत्री दिलीप जायसवाल ने भ्रष्टाचार को लेकर कहा कि हमने चूहेदानी लगा दी है। संजीव हंस जैसे सब भ्रष्टाचारी इसमें फंसेंगे। ईडी हंस के करप्शन की जांच कर रही है
बिहार शिक्षा विभाग में स्कूल बैग की खरीद में भ्रष्टाचार के आरोप लगें हैं। नीतीश सरकार इसकी जांच कराएगी। शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने शुक्रवार को सदन में यह घोषणा की।
पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि लालू परिवार के ऊपर भ्रष्टाचार के कई आरोप लग चुके हैं। इनमें से कुछ में अदालत ने उन्हें सजा भी दे दी है। फिर भी वे भ्रष्टाचार पर बोल रहे हैं।
बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री दिलीप कुमार जायसवाल ने भ्रष्ट अंचलाधिकारियों और राजस्व पदाधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया है।
बिहार में भ्रष्टाचार से निपटने के लिए पहले से तीन-तीन एजेंसियां काम कर रही हैं। इनमें आर्थिक अपराध इकाई, निगरानी ब्यूरो और विशेष निगरानी इकाई है। इन तीनों एजेंसियों के पास पूर्व से काफी शक्तियां हैं।
डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा कि करप्शन की एक-एक फाइल खुलेगी। NDA के विधायकों को गायब करने की कोशिश करने वालों का भी इलाज होगा। भ्रष्टाचारियों को जेल जाना होगा।
बिहार सरकार ने घूसखोरों और भ्रष्टाचारियों की धरपकड़ के लिए फोन नंबर जारी किए हैं। अब जनता सीधे इन नंबरों पर कॉल करके रिश्वत मांगने वालों के खिलाफ शिकायत करके उन्हें पकड़वा सकती है।
दाखिल खारिज में अनियमितता बऱतने और पैसे लेकर एक पक्षीय फैसला देने के आरोप लगे थे। इस शिकायत के बाद आरोपी अधिकारी के ऑफिस में छापेमारी की गयी तो ऑफिस में एक लाख नगद बरामद किए गए थे।
। इन पर रात्रि गश्ती के दौरान राहगीरों से चेकिंग के नाम पर जबरन वसूली का आरोप लगाया गया है। सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल के स्क्रीनशॉट के आधार पर कार्रवाई की गई है। सभी से पूछताछ की जा रही है।
बिजली महकमे के कार्यपालक इंजीनियर संजीव गुप्ता ने 2014 में नौकरी ज्वाइन की थी। इसके तीन साल बाद ही काली कमाई शुरू कर दी। 2017 से लेकर अब तक करीब सात सालों में उसने 5 करोड़ की संपत्ति बना ली।
पिछले 10 वर्ष में 100 से अधिक ऐसे सरकारी कर्मी जिन पर जांच एजेंसियों के स्तर से कार्रवाई की गई, लेकिन संबंधित विभागों ने इनके खिलाफ कार्यवाही शुरू करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया।
अब तक हुई जांच में यह बात सामने आई कि इन आठ पदाधिकारियों के कार्यकाल में जमीन की जमाबंदी समेत अन्य स्तर पर व्यापक धांधली बरती गई है। वर्तमान में इनमें कुछ पदाधिकारी डीसीएलआर के पद पर कार्यरत हैं।
एसडीएम सत्येंद्र प्रसाद ने अपने 10 साल की छोटी कार्य अवधि में विभिन्न जगह रहते हुए करोड़ों की चल और अचल संपत्ति अर्जित की है। एसडीएम के ठिकानों से आलीशान घर और फ्लैट, महंगी पिस्टल, गहने के सबूत मिले।
कास कुमार सरकारी नौकरी में जनवरी 2014 को आए थे और करीब 10 वर्ष की नौकरी में अपनी काली कमाई की बदौलत 1 करोड़ 35 लाख 94 हजार से अधिक की अवैध संपत्ति अर्जित कर ली है।
इस सूची में सबसे ज्यादा 30 से अधिक नाम शराब माफिया या तस्करों के हैं। इस सूची के आधार पर ईडी लिस्ट तैयार करेगी, जिन्होंने करोड़ों की चल एवं अचल संपत्ति जमा कर ली है।
कागज पर नदी की अधिक चौड़ाई और गहराई में उड़ाही दिखाकर सरकारी राशि के गबन का मामला सामने आया है। जांच में दो कार्यपालक अभियंता, एक कनीय एवं एक सहायक अभियंता को दोषी पाया गया है।
मुखर्जीनगर में बने सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट में कथित भ्रष्टाचार के मामले में दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी ने CBI में शिकायत दर्ज कराई है। IIT की रिपोर्ट के बाद साल 2022 के आखिर में DDA ने जांच शुरू की थी।
छापेमारी में राधचरण साह और उनके सहयोगी के 200 से अधिक बेनामी बैंक खातों का पता चला है। इन खातों का पूरा विवरण आयकर विभाग ने निकाल लिया है। इसमें अधिकांश खाते आरा की एसबीआई शाखा में हैं।
घटना अहले सुबह हुई जब पुल से कोई गाड़ी या व्यक्ति गुजर नहीं रहा था। इस वजह से बड़ी दुर्घटना टल गई। लोगों का कहना है कि यह पुल भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। निर्माण कार्य में काफी गड़बड़ी की गई थी।
भ्रष्टाचार के मामले में किसी भी व्यक्ति पर की गई अन्य कोई भी कार्रवाई इसी विधेयक के दायरे में आएगी। लोकायुक्त चयन समिति में अब पूर्व जीवित अध्यक्ष भी मौजूद रहेंगे।
आईपीएस अधिकारी अमित लोढ़ा ने पत्नी कौमुदी लोढ़ा के नाम पर मौजूद बैंक खातों में लाखों की काली कमाई को सफेद करने का खेल किया। फिल्म कंपनियों से लाखों रुपये उनके खाते में आए।
संजीत कुमार के ठिकाने की तलाशी में मिले नोटों की गिनती में काफी समय लगा। कुल 1.08 करोड़ रुपये कैश बरामद किए गए। इसके अलावा 27 लाख के सोने के गहने भी मिले हैं। एक बैंक लॉकर सील किया गया है।
शुक्रवार की शाम छह बजे के करीब निगरानी टीम ने संजीत कुमार के गर्दनीबाग स्थित घर पर छापा मारा। छापेमारी के बाद देर रात तक पूरे घर की तलाशी जारी रही। इंजीनियर के बक्सर स्थित ठिकाने पर भी छापा पड़ा।
कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार पर निगरानी ने आय से 90,19,483 रुपये अधिक की एफआईआर दर्ज की है। जांच के बाद दर्ज की गई एफआईआर में उनकी कई संपत्तियों का जिक्र है।
निगरनी डीएसपी नीलाभ कृष्ण ने बताया कि मनोज कुमार पर आय से 90 लाख अधिक की संपत्ति होने का केस दर्द किया गया है। नकद और जमीन के कई कागजात बरामद किए गये हैं। बक्सर में 3 ठिकानों पर छापा जारी है।