कोरोना संक्रमण के बाद से युवाओं की अचानक मौत के मामले दर्ज किए गए हैं और हम इसकी जांच करा रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने शुक्रवार को एक सवाल के जवाब में संसद में यह जानकारी दी।
भारत में कोरोना की रफ्तार पर ब्रेक लग चुकी है। मंगलवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक 24 घंटे में सवा तीन साल के बाद सबसे कम केस सामने आए हैं। एक दिन में केवल 33 नए केस रिपोर्ट हुए हैं।
सुप्रीम कोर्ट के पांच जज भी कोरोना की चपेट में आ गए हैं। इनमें से दो जज ऐसे भी हैं जो कि समलैंगिक विवाह मामले की सुनवाई में शामिल थे। सोमवार को होने वाली सुनवाई टाल दी गई है।
कोरोना के केसों में इस महीने लगातार इजाफा देखने को मिला है। अब इसे लेकर सरकार भी सतर्क हो गई है। केंद्नीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश के 8 राज्यों से कोरोना के मामलों पर निगरानी रखने को कहा है।
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए बुधवार को पीएमओ की उच्च स्तीरय बैठक बुलाई गई। इसमें प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पीके मिश्रा ने पांच स्तरीय प्लान को लेकर चर्चा की।
पिछले 24 घंटों में 749 लोगों को टीका लगाया गया। अब तक देश में 2,20,66,27,271 लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है। राज्यों में बढ़ते कोरोना मामलों के बीच कोविड प्रतिबंधों की भी वापसी हो रही है।
राजधानी दिल्ली में पिछले एक सप्ताह में कोरोना से 24 लोगों की जान चली गई। यह संख्या देश में सबसे ज्यादा है। वहीं एक सप्ताह में ही 8 हजार से ज्यादा केस रिपोर्ट हुए।
यह वैरिएंट का पहली बार इसी साल जनवरी में पता चला था। उसके बाद इसका प्रसार बढ़ा है। WHO ने वैरिएंट को चिंता का विषय बताया है। विश्व स्वास्थ्य निकाय नए स्ट्रेन की निगरानी कर रहा है।
नए 11 हजार केसों के साथ ही ऐक्टिव मामले भी बढ़कर 49 हजार के पार हो गए हैं। डर है कि जल्दी ही यह आंकड़ा 50 हजार के भी पार जा सकता है। कहा जा रहा है कि अप्रैल में कोरोना केसों में तेजी बनी रहेगी।
कोरोना के आंकड़े तेजी से बढ़ रहे हैं। इक दिन पहले ही जहां 8 हजार के आसपास केस सामने आए थे वहीं गुरुवार को यह आंकड़ा 10 हजार को पार कर गया है।