हाथरस दिन और रात 24 घंटे मरीजों का इलाज कर उनकी जान बचाने वाले चिकित्सक व पैरामेडिकल स्टाफ की सुरक्षा के लिए अस्पतालों में कोई इंतजाम नहीं है। यहीं वजह है कि सरकारी से लेकर निजी नर्सिंग होम, अस्पताल व स्वास्थ्य केंद्रों पर चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों पर हमले का खतरा बना रहता है।
शहर से लगे मोहल्ला खंदारी गढ़ी 14000 की आबादी है। गंदगी, पेयजल संकट व फुटपथ प्रकाश व्यवस्था के लिए संघर्ष कर रही है। शहर से लगे होने के बाद भी यहां कोई विकास दिखाई नहीं देता। अधिकांश गली-मोहल्ले की सड़क जर्जर हो चुकी हैं। जगह-जगह कूड़े-कचरे के ढेर लगे हुए हैं।
अपनी जान को जोखिम में डालने वाले रोडवेज के चालक और परिचालको को बस के संचालन करने में काफी दिक्कतों का सामना रास्ते में उठाना पड़ता है। इतना सब कुछ झेलने के बाद भी चालक व परिचालक यात्रियों को उनके स्थान पर सुरक्षित पहुंचाते है।
शहर के कई इलाकों में दवा की दुकानों की भरमार है, लेकिन थोक कारोबारी नकली और ऑनलाइन दवा बिक्री से परेशान हैं। दवा का काम करने वालों से हिन्दुस्तान के बोले हाथरस कार्यक्रम के दौरान बात की गई तो पता चला कि दिनों दिन दवा का कारोबार गिरता जा रहा है।