बिहार बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि नीतीश कैबिनेट का विस्तार होना तय है। खरमास के बाद इस मुद्दे पर चर्चा शुरू की जाएगी।
नीतीश सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार कभी भी हो सकता है। जिसकी तैयारी भी लगभग पूरी हो चुकी है। ये बात बिहार बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कही। उन्होने आज जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा से मुलाकात की। जो करीब बंद कमरे में आधे घंटे चली।
बिहार में कैबिनेट विस्तार की अटकलें तेज हो गई हैं। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शुक्रवार को पटना में सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात की। दोनों के बीच कैबिनेट विस्तार के मुद्दे पर बातचीत हुई है।
डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा कि अभी नीतीश कैबिनेट में 6 और मंत्री बनाने की गुंजाइश है। जल्द ही कैबिनेट का विस्तार किया जाएगा और बीजेपी कोटे से इन पदों को भरा जाएगा।
नीतीश मंत्रिमंडल विस्तार में बीजेपी ने पुरानों की बजाय नए चेहरों को मौका दिया है। सभी पहली बार कैबिनेट में शामिल हुए 6 मंत्री बीजेपी कोटे के है। BJP के कुल 15 मंत्री हो गए हैं। जबकि JDU के 13 हैं।
नीतीश कैबिनेट में जातीय समीकरण का पूरा ख्याल रखा गया है। CM को छोड़कर अब 29 मंत्री हैं। 12 पिछड़ा-अतिपिछड़ा वर्ग से, सवर्ण समुदाय से 9, और दलित कोटे से 7 और अल्पसंख्यक कोटे से एक मंत्री है।
वैसे तो नीतीश कैबिनेट में सभी क्षेत्रों का ध्यान रखा गया है। लेकिन सबसे ज्यादा दबदबा मुंगेर-दरभंगा का है। दोनों इलाकों से 6-6 मंत्री बनाए गए हैं। CM नीतीश खुद पटना प्रमंडल से हैं।
बिहार में हुए नीतीश कैबिनेट के विस्तार में बीजेपी से कई पुराने चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है। इससे सियासी गलियारे में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है।
नीतीश मंत्रिमंडल का गठन लोकसभा चुनाव 2024 और बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को ध्यान में रखते हुए किया गया है। जाती आधारित गणना की रिपोर्ट आने के बाद मंत्रिमंडल में जातीय समीकरण को साधा गया है।
बिहार में नीतीश कैबिनेट का शुक्रवार शाम को विस्तार किया गया। कुल 21 नए मंत्रियों ने शपथ ली, जिसमें से 6 नेता पहली बार मंत्री बने हैं। ये सभी बीजेपी से हैं।