Exit Poll 2024: राजस्थान में कांग्रेस की वापसी की वजह? अशोक गहलोत या सचिन पायलट
राजस्थान में इस बार लोकसभा चुनाव में बीजेपी हैट्रिक नहीं लगा पाएगी। सियासी जानकार इसकी वजह अशोक गहलोत औऱ सचिन पायलट का एकजुट होकर चुनाव लड़ना बड़ी वजह मान रहे है। गुटबाजी दिखाई नहीं दी।
राजस्थान में इस बार लोकसभा चुनाव में बीजेपी हैट्रिक नहीं लगा पाएगी। सियासी जानकार इसकी वजह कांग्रेस के एकजुट होकर चुनाव लड़ने को मान रहे है। विधानसभा चुनाव से पहले गहलोत-पायलट कैंप में जो सुलह हुई, उसका फायदा पार्टी को लोकसभा चुनाव में मिलता हुआ दिखाई दे रहा है। राजनातिक विश्लेषकों का कहना है कि इस बार टिकट वितरण में सचिन पायलट की खूब चली हैं। पायलट के कहने पर उम्मीदवार खड़े किए है। जिनका गहलोत कैंप ने विरोध भी नहीं किया। जोधपुर से अशोक गहलोत को गृह जिला है। इसके बावजूद सचिन पायलट कैंप के करण सिंह को कांग्रेस ने टिकट दिया है। जिसका गहलोत ने विरोध नहीं किया, बल्कि जमकर चुनाव प्रचार किया। उल्लेखनीय है कि विभिन्न एजेंसियों ने एग्जिट पोल के जो अनुमान जारी किए हैं। उनमें भाजपा के उन दावों को झटका लगता दिख रहा है। एग्जिट पोल के ज्यादातर अनुमानों में कहा गया है कि इस बार बीजेपी सभी 25 सीटें नहीं जीत पाएगी।
कांग्रेस का दावा है कि राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों में से पार्टी 7 से 12 सीट पर जीत दर्ज कर दस साल का सूखा खत्म करेगी। दरअसल, कांग्रेस का खेमा चूरू, झुंझुनूं, दौसा, भरतपुर, करौली-धौलपुर, टोंक-सवाई माधोपुर और बाड़मेर सीट पर अपनी जीत को लेकर आशान्वित है। जबकि दो सीट (नागौर और सीकर) में भी कांग्रेस इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार की जीत के दावे कर रही है। सीकर से सीपीआईएम-कांग्रेस गठबंधन के अमराराम और नागौर से रालोपा-कांग्रेस गठबंधन के हनुमान बेनीवाल चुनावी मैदान में हैं। इसके साथ ही श्रीगंगानगर, जयपुर ग्रामीण, कोटा, बांसवाड़ा और जालोर में कांटे की टक्कर मानी जा रही है। ऐसे में अगर कांग्रेस आशा के अनुरूप सीट निकाल पाती है तो भाजपा को 15-16 सीट पर संतोष करना पड़ सकता है।
राजस्थान की कोटा, बाड़मेर, बांसवाड़ा, नागौर, जालोर और बीकानेर सीट के परिणाम पर सबकी निगाहें हैं। कोटा में लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला के सामने कांग्रेस के प्रह्लाद गुंजल मैदान में है। बांसवाड़ा में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए महेंद्रजीत सिंह मालवीय का मुकाबला कांग्रेस समर्थित और भारत आदिवासी पार्टी के प्रत्याशी राजकुमार रोत से है। बाड़मेर में भाजपा के कैलाश चौधरी और कांग्रेस के उम्मेदाराम बेनीवाल के साथ ही निर्दलीय प्रत्याशी रवींद्र सिंह भाटी ताल ठोक रहे हैं। नागौर में हनुमान बेनीवाल और भाजपा की ज्योति मिर्धा का सियासी भविष्य यह चुनाव तय करेगा। जालोर में भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत के सियासी कॅरियर की दिशा तय होगी। उनका मुकाबला भाजपा के लुंबाराम चौधरी से है। बीकानेर में मोदी सरकार के मंत्री अर्जुनराम मेघवाल का मुकाबला कांग्रेस के गोविंदराम मेघवाल से है। दरअसल, साल 2014 और 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को एक भी सीट पर जीत नसीब नहीं हुई थी। साल 2014 में जहां मोदी लहर का असर पूरे राजस्थान में दिखा था और सभी 25 सीटों पर भाजपा को जीत मिली थी। जबकि 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली थी।
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