Hindi Newsराजस्थान न्यूज़BTP may join hands with Owaisi AIMIM in preparation to shock Congress in Rajasthan

राजस्थान में कांग्रेस को झटका देने की तैयारी में BTP, जिला प्रमुख नहीं बनाने पर ओवैसी के साथ मिला सकती है हाथ

कहते है राजनीति में न तो कोई स्थाई दोस्त होता है और न स्थाई दुश्मन। राजस्थान की भारतीय ट्रायबल पार्टी (बीटीपी) भी कुछ ऐसी ही स्थिति में दिखाई पड़ रही है। डूंगरपुर मे पार्टी समर्थित निर्दलीय जिला...

Himanshu Jha The Pebble, जयपुर।Mon, 14 Dec 2020 01:44 PM
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कहते है राजनीति में न तो कोई स्थाई दोस्त होता है और न स्थाई दुश्मन। राजस्थान की भारतीय ट्रायबल पार्टी (बीटीपी) भी कुछ ऐसी ही स्थिति में दिखाई पड़ रही है। डूंगरपुर मे पार्टी समर्थित निर्दलीय जिला प्रमुख के हारने के बीटीपी कांग्रेस सरकार से समर्थन वापसी की घोषणा कर चुकी है। फिलहाल भाजपा व कांग्रेस दोनों से नाराज बीटीपी से जुड़ने की रणनीति बनाने में अब कई पार्टियां लगी है। ऐसे में बीटीपी को राजस्थान में राजनीतिक जमीन तलाश रही असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम का साथ मिल गया।

हालांकि बीटीपी के नेताओं ने ओवैसी के साथ किसी भी तरह के गठबंधन से इंकार किया है। प्रदेश में बीटीपी के दो विधायक है। माना जा रहा है कि बीटीपी के किसी भी राजनीतिक पार्टी से गठबंधन प्रदेश में बड़ा उलटफेर कर सकता है।

बीटीपी के प्रदेशाध्यक्ष वेलाराम घोघरा का कहना है कि आदिवासी क्षेत्र के मुद्दों पर कोई हम से जुड़ सकता है। सोशल मीडिया पर कुछ लिखने से कोई किसी पार्टी से नहीं जुड़ जाता है। मुद्दों के आधार पर भविष्य में कोई सामंजस्य हो सकता है। उन्होंने कहा किसी पार्टी के जुड़ना या उसमें विलय करना जैसा कोई प्लान नहीं है। जब कांग्रेस ही बीटीपी के साथ धोखा कर सकती है तो अब किसी पर विश्वास करना मुश्किल है।

देश में कांग्रेस की स्थिति होती जा रही है दयनीय- BJP
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राजस्थान प्रभारी अरुण सिंह ने देश में कांग्रेस की स्थिति दयनीय बताते हुए कहा है कि अगर राज्य में निकाय चुनाव स्वतंत्र रुप से होते तो कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो जाता। अरुण सिंह ने कहा कि बिहार, लद्दाख सहित जहां चुनाव हुए सब जगह कांग्रेस की स्थिति खराब है और अब धीरे धीरे उसकी स्थिति दयनीय होती जा रही हैं। राजस्थान में भी निकाय चुनाव स्वतंत्र रुप से होते तो कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो जाता। 

उन्होंने कहा कि इससे पहले पंचायत चुनावों में भाजपा भारी बहुमत के साथ जीती है। प्रदेश में 21 में से 14 जिलों में पार्टी के जिला प्रमुख बनना बड़ी कामयाबी है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि इस चुनाव के बाद राज्य सरकार ने पूरी ताकत लगा दी और दबाव बनाया गया। पुलिस प्रशासन के माध्यम से लोगों को कहा गया कि भाजपा को वोट मत देना किसी ओर को दे देना। इसके बावजूद 75 प्रतिशत लोगों ने कांग्रस को वेाट नहीं दिए और निकाय चुनाव परिणाम ने बता दिया कि दो-तिहाई लोग कांग्रेस के साथ नहीं है। लोगों ने भाजपा और निर्दलीयों का समर्थन किया है।

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