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लोकसभा चुनाव से पहले राजस्थान कांग्रेस को लगा बड़ा झटका, 400 कार्यकर्ताओं ने छोड़ी पार्टी

लोकसभा चुनाव के बीच राजस्थान कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है। करीब 400 कार्यकर्ताओं ने पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। इससे पार्टी के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है।

लाइव हिन्दुस्तान जयपुरSat, 13 April 2024 04:20 AM
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मध्य प्रदेश के बाद राजस्थान कांग्रेस में भगदड़ मच गई है। लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी को बड़ा झटका लगा है। करीब 400 कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को अपनी प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया, जिससे बड़ा संकट खड़ा हो गया है। दरअसल, कांग्रेस ने नागौर लोकसभा सीट पर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के साथ गठबंधन किया है और इसे आरएलपी के लिए छोड़ दिया है। पार्टी ने यहां नागौर सांसद और आरएलपी चीफ हनुमान बेनीवाल को मैदान में उतारा है।

इस बीच, बेनीवाल की शिकायत के आधार पर नागौर से भाजपा उम्मीदवार ज्योति मिर्धा के पक्ष में प्रचार करने के आरोप में सोमवार को तीन कांग्रेस कार्यकर्ताओं को छह साल के लिए निलंबित कर दिया गया। इनमें पूर्व विधायक भाराराम, कुचेरा नगर पालिका चेयरपर्सन तेजपाल मिर्धा और सुखाराम डोडवाडिया शामिल थे। इन तीनों नेताओं के निलंबन के तुरंत बाद नागौर के कांग्रेस कार्यकर्ताओं में आक्रोश फैल गया। निलंबन का विरोध करते हुए तीनों ने पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।

तेजपाल मिर्धा ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई और कहा, 'विधानसभा चुनाव के दौरान नागौर में कांग्रेस मजबूत स्थिति में थी। उसने आठ में से चार सीटें जीती थीं। लोकसभा चुनाव में भी उसकी स्थिति उतनी ही मजबूत थी। इसके बावजूद, आरएलपी के साथ गठबंधन क्यों किया गया। हनुमान बेनीवाल एक टूल हैं जो नागौर में कांग्रेस को नष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे व्यक्ति के साथ गठबंधन करने से कांग्रेस कार्यकर्ताओं को गहरा झटका लगा है। इसलिए हम सभी अपना सामूहिक त्याग पत्र दे रहे हैं।'

मिर्धा ने कहा, 'कांग्रेस आलाकमान ने स्थानीय कांग्रेस राज्य इकाई की सहमति के बिना आरएलपी के साथ गठबंधन किया। यह गठबंधन हम पर थोपा गया है। आरएलपी ने पूरे जिले में कांग्रेस को हराने के लिए काम किया था। हमने कभी भी भाजपा के साथ मंच साझा नहीं किया। फिर भी, बेनीवाल ने हमें निष्कासित करवा दिया। कांग्रेस ने बिना किसी सूचना या कारण बताओ नोटिस के सीधे तुगलकी फरमान जारी कर हमें पार्टी से निकाल दिया।'

उन्होंने कहा, 'अब कांग्रेस वह पार्टी नहीं रही जो पहले हुआ करती थी। यहां एक व्यक्ति अपनी मर्जी और इच्छा से पार्टी चला रहा है। यह जरूरी है कि कांग्रेस आलाकमान तक यह संदेश पहुंचे कि पार्टी खुद को खत्म कर रही है। हाल ही में बेनीवाल ने अपने एक अभियान में कहा था कि कांग्रेस में पांच से सात ऐसे कार्यकर्ता हैं जो कांग्रेसियों के भेष में भाजपा के लिए प्रचार कर रहे हैं, ऐसे लोगों को बाहर कर देना चाहिए। मैं यही बात जिला कांग्रेस अध्यक्ष जाकिर हुसैन और राजस्थान कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा से भी कह रहा था।'

सोमवार रात, कांग्रेस ने तीन पार्टी कार्यकर्ताओं को छह साल के लिए निलंबित कर दिया, जिसमें तेजपाल मिर्धा भी शामिल थे, जो ज्योति मिर्धा के चचेरे भाई हैं। इसी बीच, कांग्रेस कार्यकर्ता वरुण पुरोहित ने कहा, 'यह बीजेपी का प्रोपेगेंडा है. यह सब फर्जी है। भीड़ में मौजूद लोग हमेशा कांग्रेस के सदस्य नहीं होते हैं।' इसके बाद 400 कार्यकर्ताओं ने पार्टी का साथ छोड़ दिया।

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