नाभा जेल ब्रेक का मास्टरमाइंड मोतिहारी से दबोचा, 10 लाख का ईनामी है खालिस्तानी आतंकी
एनआईए की माने तो यह मामला खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट, बब्बर खालसा इंटरनेशनल और इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन द्वारा भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश से जुड़ा हुआ है।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने खालिस्तानी आतंकी लुधियाना निवासी कश्मीर सिंह गलवड्डी उर्फ बलबीर सिंह को बिहार के मोतिहारी से गिरफ्तार किया है। मोतिहारी से एनआईए की टीम उसे दिल्ली लेकर जाएगी क्योंकि बलबीर सिंह के खिलाफ दिल्ली में ही कई मामले दर्ज हैं। उससे पूछताछ की जा रही है। एनआईए ने साल 2023 में खालिस्तानी आतंकी कश्मीर सिंह गलवड्डी पर दस लाख रुपये का ईनाम घोषित किया था। 20 अगस्त 2022 में दिल्ली में आईपीसी और यूएपीए के विभिन्न प्रावधानों के तहत दर्ज मामले में वांछित था।
एनआईए के मुताबिक यह मामला खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट, बब्बर खालसा इंटरनेशनल और द इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन की ओर से देश के खिलाफ लड़ाई के लिए रची गई साजिश से संबंधित है। जांच में एक आतंकी-अपराधी गठजोड़ का पर्दाफाश हुआ था, जिसमें बताया गया था कि ये आतंकी समूह संगठित आपराधिक गिरोहों के साथ मिलकर देश के विभिन्न हिस्सों में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए सीमा पार से आतंकी हार्डवेयर, जैसे हथियार, गोला-बारूद, विस्फोटक, आईईडी की तस्करी में लगे हुए थे।
नाभा जेल ब्रेक में था शामिल
बलबीर सिंह नाभा जेल ब्रेक सहित कई मामलों में आरोपी है। लिबरेशन फोर्स का मुखिया हरमिंदर कौर मिंटू और कश्मीर सिंह गलवड्डी उर्फ बलबीर सिंह ने मिलकर नाभा जेल से भागने की साजिश रची थी। एक गनमैन पुलिस की वर्दी में आया और उसने गेट पर खड़े गार्ड पर चाकू से हमला कर दिया। इसके बाद सभी लोग जेल में घुसे और अपने ऑटोमेटिक गन से हमला कर मिंटू और बलबीर सिंह को छुड़ाकर लेकर आ गए। नाभा जेल से भागने के बाद से कश्मीर सिंह रिंदा सहित नामित खालिस्तानी आतंकवादियों के साथ सक्रिय रूप से जुड़ा हुआ था। मोहाली में पंजाब पुलिस खुफिया मुख्यालय पर आरपीजी हमले में भी वह शामिल था।
रिपोर्ट: मोनी देवी
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