वर्ष 2024 में भारत के शिक्षा क्षेत्र में कई बड़े बदलाव हुए हैं। स्कूल के बच्चों से लेकर कॉलेज स्टूडेंट्स के लिए हर एक बदलाव बहुत अहम है। इसमें यूजीसी बदलाव से लेकर ‘नो डिटेंशन पॉलिसी’ को खत्म करना शामिल है। आइए जानते हैं ये बड़े बदलाव क्या-क्या हैं।
यूजीसी प्रमुख जगदीश कुमार ने यह घोषणा की थी कि छात्रों को किसी भी विषय में सीयूईटी यूजी परीक्षा देने की आजादी दी जाएगी, भले ही उन्होंने वह विषय 12वीं में पढ़ा हो या नहीं।
सीबीएसई ने कक्षा 10वीं-12वीं के एजुकेशन स्ट्रक्चर में बदलाव करने का प्रस्ताव दिया है। प्रस्ताव में कक्षा 10वीं में भाषा को 2 से बढ़ाकर 3 और विषयों को 5 से बढ़ाकर 10 करने के लिए कहा गया है। वहीं कक्षा 12वीं में भाषा को 1 से बढ़ाकर 2 और विषयों को 5 से बढ़ाकर 6 करने के लिए कहा गया है।
यूजीसी के चेयरमैन एम. जगदीश कुमार ने यह घोषणा की थी कि शिक्षा निकाय स्टूडेंट्स के लिए जल्दी से डिग्री कोर्स पूरा करने के विकल्प पर विचार कर रहा है। इसका मतलब यह है कि स्टूडेंट्स को 3 साल की डिग्री 2.5 साल में और 4 साल की डिग्री 3 साल में पूरा करने की सुविधा दी जाएगी।
नई शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत फरवरी 2024 में सभी छात्रों की प्राथमिक शिक्षा से हायर एजुकेशन तक कि पढ़ाई का क्रेडिट स्कोर दर्ज करने के लिए APAAR ID कार्ड लॉन्च किया गया। इससे छात्रों का सारा एकेडमिक रिकॉर्ड एक जगह इकठ्ठा रहेगा।
केंद्र सरकार ने ‘नो डिटेंशन पॉलिसी’ को खत्म कर दिया है। अब 5वीं और 8वीं कक्षा की परीक्षा में फेल होने वाले छात्रों को अगली क्लास में नहीं भेजा जाएगा, उन्हें अगली कक्षा में जाने के लिए 2 महीने के अंदर दोबारा परीक्षा देने का मौका दिया जाएगा। केवल परीक्षा पास करने वाले बच्चों को ही आगे की क्लास में पढ़ने की अनुमति दी जाएगी।
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि अब से एनटीए भर्ती परीक्षाओं का आयोजन नहीं करेगा। एनटीए नौ भर्ती परीक्षाएं कराता था। एनटीए सिर्फ एंट्रेंस परीक्षा का ही आयोजन करेगा।
यूजीसी ने यूनिवर्सिटीज और उच्च शिक्षा संस्थानों में एक साल में दो बार दाखिले की प्रक्रिया को अनुमति दे दी है। इसका मतलब है कि अब छात्रों को जुलाई और जनवरी, दोनों महीनों में एडमिशन दिया जाएगा। छात्रों का कैंपस सिलेक्शन प्रक्रिया भी दो बार होगी।
यूजीसी ने मार्च 2024 में यह निर्णय लिया था कि पीएचडी (PhD) एडमिशन के लिए अब सिर्फ NET स्कोर ही मान्य होगा। पीएचडी प्रोग्राम में एडमिशन लेने के लिए उम्मीदवारों को एक से अधिक परीक्षा नहीं देनी होगी।