नागा संन्यासी ने बताया कि वह खास किस्म की भभूत का लेपन अपने शरीर पर करते हैं। उन्होंने कहाकि हम इस भभूत को श्मशान से लेकर आते हैं।
यह नागा संन्यासी टेक्नो फ्रेंडली भी हैं। वह खाली समय में अपने मोबाइल पर भगवान के भजन इत्यादि सुनते रहते हैं।
अपने डेरे में बैठे हुए यह नागा संन्यासी उस तरफ से गुजरने वाले भक्तों को आशीर्वाद भी देते रहते हैं। लोग इनकी तस्वीरें भी उतारते दिखाई देते हैं।
इस नागा संन्यासी की पहचान बना है उनका स्टाइलिश चश्मा और गले में नरमुंड की माला। इस माला को लेकर वह बताते हैं कि यह हमें इस सच्चाई का एहसास कराता है कि जीवन की गति क्या है।
इन नागा संन्यासी का डेरा बेहद साधारण, लेकिन भव्य है। अंदर कुछ बेहद जरूरी सामान हैं और बाहर धूनी के चारों तरफ फूल-मालाएं हैं। सामने चिमटा गड़ा हुआ है।
आमतौर पर लोग कप, प्याली या कटोरे में चाय पीते हैं। लेकिन नागा बाबा का चाय पीने के लिए भी खास बर्तन इस्तेमाल करते हैं। वह नारियल की खोल में चाय पीते हैं।