एक मां होना चौबीस घंटे की ड्यूटी है, जिसमें कोई आराम नहीं। एक 'नई मां' के लिए शुरुआत में बच्चे को संभालना कठिन प्रक्रिया है। वहीं आज हम आपको ऐसी ही महिला के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने मैटरनिटी लीव के दौरान उस समय देश की सबसे मुश्किल परीक्षा दी, जब वह 9 महीने की प्रेग्नेंट थी।
इस महिना का नाम है शहनाज लियास, जो शुरू से ही सरकारी नौकरी करने का सपना देखती थी, सरकारी सर्विस में आने का शहनाज का सपना तब आकार लेने लगा जब वह मैटरनिटी लीव पर थीं और अपने समय का सदुपयोग करने को तैयार थीं। इस उत्साह के साथ, उन्होंने तमिलनाडु लोक सेवा आयोग (TNPSC) की तैयारी शुरू कर दी।
जब वह 9 महीने की गर्भवती थी, तब भारी बेबी बंप के साथ, उन्होंने परीक्षा देने का प्रयास किया और केवल दो महीने की तैयारी के साथ, उन्होंने पहले ही प्रयास में प्रीलिम्स को पास कर लिया। शहनाज ने महसूस किया कि उनमें इंडियन सिविल सर्विसेज को भी क्लियर करने की क्षमता है, लेकिन उन्होंने ने इस बात पर ध्यान दिया कि तैयारी के दौरान वह अपने बच्चे की जिम्मेदारियों को कैसे संभालने वाली थी।
मां बनने के दौरान कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। समय- समय पर आपकी हेल्थ बिगड़ती रहती है, बेबी बंप के साथ घंटों बैठा नहीं जाता। ऐसे में सिविल सेवा की तैयारी के लिए हर दिन 8-10 घंटे पढ़ाई के लिए अनिवार्य है। शहनाज से यूपीएससी देने का फैसला किया और अपनी तैयारी शुरू कर दी।
शहनाज लगभग 5 वर्षों तक आईटी क्षेत्र में रही, कॉलेज के ठीक बाद इस क्षेत्र में शामिल हुई। जहां वह 9 से 5 की नौकरी करती थी, जिसमें उन्हें मजा नहीं आता था। वह जीवन में कुछ ऐसा करना चाहती थी जो अधिक उद्देश्यपूर्ण हो और समाज में योगदान दे सके। जिसके बाद उन्होंने इंडियन सिविल सर्विसेज के बारे में सोचना शुरू किया।
शहनाज अपने सपोर्ट सिस्टम की वजह से लकी रही। परीक्षा में सफल होने और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की उसकी इच्छा को देखते हुए, उसके माता-पिता ने उसकी छोटी बेटी की देखभाल करने की जिम्मेदारी ली और उसकी तैयारी के दौरान पूरे दिल से उसका साथ दिया।
शहनाज ने एक वेबासइट को इंटरव्यू देते हुए कहा, "यूपीएससी की तैयारी के लिए आपको कहीं न कहीं समझौता करने की जरूरत है। मैं पूरे महीने के लिए योजना बनाती थी कि मुझे कितना हासिल करना है और कौन से विषयों को कितने समय में कवर करना है। किसी भी परीक्षा की तैयारी के लिए आपको आत्म-अनुशासित होने की आवश्यकता है, चाहे वह यूपीएससी हो या कोई और अन्य परीक्षा। अपने लक्ष्य निर्धारित करना और उन पर टिके रहना बहुत जरूरी है।
बेशक, यूपीएससी की जर्नी के दौरान आत्म-प्रेरणा बहुत जरूरी है। जब भी मैं मॉक में मार्क्स आते थे, तो मैं अकेले नाइट वॉक करती थी और खुद को प्रेरित करने के लिए खुद की दोस्त बन जाती थी। मैं खुद से बात करती थी और खुद को आश्वस्त करती थी कि मैं इसे कर सकती हूं और हां मैं करूंगी। इस तरह, मैंने खुद को प्रेरित किया और तैयारी की उस 2 साल की लंबी जर्नी को जिया,"
शहनाज इलियास ने अपने पहले प्रयास में UPSC CSE 2020 को क्रैक किया और ऑल इंडिया में 217वीं रैंक हासिल की। जिसके बाद उन्हें IPS बनने का मौका मिला। फिलहाल उनकी नियुक्ति तमिलनाडु में है।
शहनाज ने UPSC के उम्मीदवारों को कहा, "एक बात ध्यान में रखने की जरूरत है- जब लक्ष्य चुनें तो उसे पूरा करें। शहनाज की जिंदगी एक आदर्श उदाहरण है। वर्षों तक आईटी क्षेत्र में काम करने के बाद, उन्होंने महसूस किया कि वह कुछ ऐसा करना चाहती है जिसके माध्यम से वह समाज को वापस दे सके। इसलिए, उसने अपनी क्षमताओं पर भरोसा रखते हुए यूपीएससी के लिए अपना लक्ष्य निर्धारित किया। उन्होंने कहा अगर आप एक लक्ष्य निर्धिरित कर लेते हैं तो प्लान B के बारे में नहीं सोचना चाहिए और पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहिए।