बहुत ही कम लोग ब्यूटी विद ब्रेन का नायाब उदाहरण होते हैं। आईपीएस अधिकारी आशना चौधरी उन चंद लोगों से एक हैं। आईपीएस ऑफिसर आशना चौधरी की कहानी बहुत ही प्रेरणादायक है और सभी यूपीएससी एस्पिरेंट, इनसे प्रेरणा ले सकते हैं।
आशना चौधरी उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के छोटे से कस्बे पिलखुआ की रहने वाली हैं। उनके पिता डॉ अजीत सिंह एक सरकारी कॉलेज में प्रोफेसर हैं और उनकी मां इंदु सिंह गृहिणी हैं।
आशना चौधरी ने अपनी पढ़ाई पिलखुआ के सेंट जेवियर स्कूल, उदयपुर के सेंट मैरी स्कूल और गाजियाबाद के दिल्ली पब्लिक स्कूल के साथ अन्य विभिन्न स्कूलों से पूरी की है। उन्होंने बारहवीं कक्षा में 96.5 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं।
स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद आशना चौधरी ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्री राम कॉलेज फॉर वूमेन से इंग्लिश लिटरेचर में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने साउथ एशियन यूनिवर्सिटी से इंटरनेशनल रिलेशन में पढ़ाई के दौरान यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करना शुरू कर दिया था।
आशना चौधरी ने 2020 में अपना पहला प्रयास दिया, लेकिन वे अपने पहले प्रयास में प्रीलिम्स परीक्षा भी पास नहीं कर पाईं थीं। लेकिन हिम्मत न हारते हुए उन्होंने अगले साल 2021 में अपना दूसरा यूपीएससी अटेंप्ट दिया, लेकिन इस बार कुछ एक अंकों से वे प्रीलिम्स परीक्षा पास करने से चूक गईं। दो बार असफल होने से वे बहुत निराश हुईं, लेकिन इस दौरान उनके परिवार ने उनका साथ दिया और उनकी हिम्मत बढ़ाई। आशना चौधरी ने 2022 में अपना तीसरा अटेंप्ट दिया और उन्हें बहुत बड़ी सफलता प्राप्त हुई। उन्हें 116वीं रैंक प्राप्त हुई।
आशना चौधरी ने अपनी प्रिफरेंस में आईएएस को न चुनकर आईपीएस अधिकारी बनना लिखा। आईपीएस ऑफिसर आशना चौधरी की कहानी बहुत ही प्रेरणादायक है और सभी यूपीएससी एस्पिरेंट, इनसे प्रेरणा ले सकते हैं।