हिंदू धर्म में सुबह व शाम देवी-देवताओं की पूजा का विधान है। वास्तु शास्त्र में पूजा-पाठ के कुछ नियम बताए गए हैं। मान्यता है कि इन नियमों का पालन करने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और जातक की पूजा सफल होने के साथ शुभ फल प्राप्त होते हैं। पूजा-पाठ में वास्तु नियमों का पालन करने से घर में सुख-शांति व आर्थिक समृद्धि का वास होता है। जानें पूजा के दौरान किन नियमों का पालन करना चाहिए।
वास्तु के अनुसार जब भी आप पूजा करें, तब एक चांदी या तांबे के पात्र में थोड़ा जल रखें, फिर पूजा करने के बाद उसे पूरे घर में छिड़क दें। मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन में धन-धान्य का आगमन होता है।
वास्तु के अनुसार, पूजा घर में जो वस्त्र प्रयोग करें वो लाल, पीले या गुलाबी रंग के शुभ होते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
वास्तु के अनुसार, पूजा के समय जल से भरा हुआ पात्र सदैव आपकी बाईं ओर होना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है व जातकों को जीवन के अन्य क्षेत्रों में शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
वास्तु के अनुसार, पूजा करते समय आपका मुख पूर्व या उत्तर की ओर होना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से देवी-देवताओं का आशीष प्राप्त होता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, पूजा के समय हमेशा घी का दीपक आपके दाईं ओर होना चाहिए। इसके अलावा पूजा घर के आसपास, ऊपर या नीचे शौचालय नहीं होना चाहिए।