Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Before pointing fingers at BSP look into your own affairs Mayawati hits back at Rahul Gandhi statement

बसपा पर उंगली उठाने से पहले अपने गिरेबां में झांके, राहुल गांधी के बयान पर मायावती का पलटवार

  • बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि उनके ऊपर उंगली उठाने से पहले उन्हें अपने गिरेबां में झांकना चाहिए। उन्होंने कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की टीम-बी बनकर चुनाव लड़ने की वजह से कांग्रेस हारी।

Dinesh Rathour हिन्दुस्तान, लखनऊ, विशेष संवाददाताFri, 21 Feb 2025 11:31 PM
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बसपा पर उंगली उठाने से पहले अपने गिरेबां में झांके, राहुल गांधी के बयान पर मायावती का पलटवार

गुरुवार को अपने दो दिवसीय दौरे पर रायबरेली पहुंचे कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के बयान पर बसपा प्रमुख मायावती ने पलटवार किया। बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि उनके ऊपर उंगली उठाने से पहले उन्हें अपने गिरेबां में झांकना चाहिए। उन्होंने कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की टीम-बी बनकर चुनाव लड़ने की वजह से कांग्रेस हारी। मायावती ने शुक्रवार को सलाह देते हुए कहा कि कांग्रेस के सर्वेसर्वा राहुल गांधी को किसी भी मामले में दूसरों पर व खासकर बसपा की प्रमुख पर उंगली उठाने से पहले अपने गिरेबान में भी जरूर झांक कर देखना चाहिए यही बेहतर होगा।

दिल्ली में कांग्रेस के कारण ही भाजपा सत्ता में आई वरना इस चुनाव में कांग्रेस का इतना बुरा हाल नहीं होता कि ज्यादातर उम्मीदवारों की जमानत भी न बचा पाए। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली में बनी नई भाजपा सरकार को चुनाव में खासकर जनहित व विकास संबंधी किए गए अपने तमाम वादों को समय से पूरा करना चाहिए। यह उसके लिए सबसे बड़ी चुनौती है, वरना आगे चलकर इस पार्टी का भी हाल कहीं कांग्रेस जैसा बुरा ना हो जाए।

क्या बोले थे राहुल गांधी

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र रायबरेली में दलित छात्रों के एक समूह से बातचीत में कहा था कि उन्हें पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में मायावती की अगुवाई वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विरोधी गठबंधन 'इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायन्स' (इंडिया) में शामिल नहीं होने से निराशा हुई थी। गांधी ने मायावती के मौजूदा राजनीतिक रुख पर सवाल उठाते हुए कहा, 'मैं चाहता था कि बहनजी हमारे साथ मिलकर भाजपा के खिलाफ लड़ें, लेकिन किसी कारण से उन्होंने ऐसा नहीं किया। यह बेहद निराशाजनक है। अगर तीनों पार्टियां एकजुट होतीं, तो भाजपा कभी नहीं जीत पाती।

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