मकर संक्रांति के दिन भगवान सूर्य उत्तरायण की ओर, अर्थात मकर रेखा से उत्तर दिशा में प्रस्थान करते हैं। इस कारण इस उत्सव को उत्तरायणी भी कहा जाता है। यह पर्व भगवान सूर्य की उपासना का पर्व है। इस दिन सूर्य देव की विशेष पूजा की जाती है।
इस बार 14 जनवरी 2025 को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जा रहा है। मकर संक्रांति तिल और गुड़ का भी पर्व है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान कर गुड़, तिल, खिचड़ी, गर्म कपड़े आदि का दान किया जाता है। सूर्य इस दिन धनु राशि से निकलकर मकर राशि में जाते हैं। सूर्य का यह गोचर बहुत खास माना जाता है।
इस वर्ष मकर संक्रांति के मौके पर प्रयागराज में महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान भी आयोजित होगा, जो महाकुंभ मेले के दूसरे दिन के रूप में मनाया जाएगा। इस दिन पितरों का ध्यान कर उनके लिए भी स्नान और दान किया जाता है।
1 जनवरी से 14 जनवरी दिन मंगलवार को दिन में 2:58 बजे तक धनु राशि में रहेंगे और इसके बाद 14 जनवरी दिन मंगलवार से 12 फरवरी दिन बुधवार को रात में 1:45 बजे मकर राशि में गोचर करेंगे। सूर्य के मकर राशि में जाने पर सूर्य और गुरु मिलकर नवम पंटम योग बनाएंगे, जिसका लाभ कई राशियों को होगा।
सूर्य के मकर राशि में जाने से चार राशि लकी रहेंगी। सूर्य के मकर राशि में जाने से वृश्चिक, धनु, मकर और मीन राशि वालों के लिए भाग्य का साथ लाएंगे। सूर्य के मकर राशि में जाने से इन राशियों में पॉजिटिव एनर्जी आएगी। पिता का साथ मिलेगा। गुरु के साथ नवम पंचम योग बनने से संतान और धन संबंधी लाभ भी इन राशियों को मिलेंगे। डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।