दक्षिणी दिल्ली में तीन आवासीय योजनाओं का रास्ता साफ, पहले ये थी अड़चन
दक्षिणी दिल्ली में पेड़ों की कटाई के चलते अधर में लटकी तीन आवासीय परियोजाओं का रास्ता साफ हो गया है। इस मामले में गठित विशेषज्ञों की समिति ने सरोजिनी नगर, नेताजी नगर और कस्तूरबा नगर कॉलोनियों में...
दक्षिणी दिल्ली में पेड़ों की कटाई के चलते अधर में लटकी तीन आवासीय परियोजाओं का रास्ता साफ हो गया है। इस मामले में गठित विशेषज्ञों की समिति ने सरोजिनी नगर, नेताजी नगर और कस्तूरबा नगर कॉलोनियों में प्रस्तावित तीनों आवासीय परिजयोजनाओं को मंजूरी देने का सुझाव सरकार को दिया है।
ये परियोजनाएं भारी संख्या में पेड़ कटने के कारण अधर में अटकी थीं। पेड़ों को काटने के बजाय इन्हें स्थानांतरित करने के प्रस्ताव के बाद समिति ने मंजूरी का सुझाव दिया है। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति ने सरोजिनी नगर, नेताजी नगर और कस्तूरबा नगर कॉलोनियों की संशोधित आवासीय परियोजनाओं को मंजूरी दे दी। इन कॉलोनियों की संशोधित योजना के अनुसार, पेड़ों को काटने के बजाय किसी अन्य जगह पर इन्हें स्थानांतरित किया जाएगा।
यहां के इतने पेड़ होंगे स्थानांतरित
हालांकि, पर्यावरणविदों का मानना है कि यह योजना असफल होगी। सरोजिनी नगर में 11,913 पेड़ों में से 3,500 पेड़ों को स्थानांतरित किया जाएगा, जबकि शेष पेड़ परियोजना स्थल पर ही रहेंगे। इसी तरह नेताजी नगर में 3,906 पेड़ों में से 1,600 पेड़ों और कस्तूरबा नगर में 1,203 पेड़ों में 405 को स्थानांतरित किया जाएगा।
समिति की बैठक की विस्तृत जानकारी के अनुसार, दिल्ली हाईकोर्ट तथा राष्ट्रीय हरित अधिकरण में सात कॉलोनियों की पुनर्विकास परियोजना के खिलाफ दायर याचिका के कारण जुलाई 2018 से यथास्थिति कायम थी। इनमें से तीन परियोजनाओं को मंजूरी दे दी गई है। हालांकि, पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि पुनर्विकास आवश्यक है लेकिन पेड़ों का स्थानांतरण जोखिमभरा काम है।
दिल्ली सरकार ने दिए थे एफआईआर के आदेश
मामले में दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन ने पेड़ काटने के लिए जिम्मेदार एजेंसी और लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे। प्रिंसिपल चीफ कन्जर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट (पीसीसीएफ) को दिए आदेश में कहा गया था कि यह बेहद गंभीर है कि रोक के बाद भी नेताजी नगर में पेड़ काटे जा रहे हैं। उन्होंने आदेश दिए थे कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
तीन कॉलोनियों के पुनर्विकास की योजना
एनबीसीसी साउथ दिल्ली के इलाकों में पुरानी इमारतों को तोड़कर बहुमंजिला इमारतें बनाई जानी हैं। तीनों कालोनियों में नए सिरे से फ्लैट और व्यावसायिक केंद्र बनने थे। इसके लिए हजारों पेड़ों को काटे जाने थे। सरोजिनी नगर, कस्तूरबा नगर, नौरौजी नगर, नेताजी नगर, त्यागराज नगर और मोहम्मदपुर में बड़ी संख्या में पेड़ों को काटा गया था। मगर दिल्ली हाईकोर्ट ने पेड़ काटने पर रोक लगा दी। बता दें कि बहुमंजिला अपार्टमेंट और कॉलोनी निर्माण के लिए पेड़ों को काटने का विरोध सड़क से लेकर सोशल मीडिया पर हो रहा था।
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