मेदांता के निदेशक डॉक्टर नरेश त्रेहान हुए डीपफेक वीडियो के शिकार, केस दर्ज
इस मामले में पुलिस के पास शिकायत दर्ज होने के बाद जिस फेसबुक लिंक से नरेश त्रेहान का यह डीपफेक वीडियो शेयर किया गया था उसे डीएक्टिवेट कर दिया गया है। पुलिस ने कहा है कि मामले की जांच फिलहाल जारी है।
प्रतिष्ठित मेदांता अस्पताल के निदेशक डॉक्टर नरेश त्रेहान का डीपफेक वीडियो बनााए जाने का मामला उजागर हुआ है। इस संबंध में मेदांता अस्पताल की तरफ से शिकायत दर्ज करवाई गई है। मेदांता अस्पताल की तरफ से मंगलवार को दर्ज कराई गई शिकायत में कहा गया है कि एक डीपफेक वीडियो में अस्पताल के अध्यक्ष और मैनेजिंग डायरेक्टर डॉक्टर नरेश त्रेहान को वजन घटाने वाली दवा का समर्थन करते हुए दिखाया गया है। डीसीपी (साइबर क्राइम) सिद्धांत जैन ने कहा कि इस मामले में साइबर ईस्ट पुलिस स्टेशन में अज्ञात आरोपी के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 419 औऱ 420 के तहत कसे दर्ज किया गया है।
'The Times Of india' ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि इस मामले में पुलिस के पास शिकायत दर्ज होने के बाद जिस फेसबुक लिंक से नरेश त्रेहान का यह डीपफेक वीडियो शेयर किया गया था उसे डीएक्टिवेट कर दिया गया है। इस डीपफेक वीडियो में ऑडियो, वीडियो और तस्वीर जैसी सामग्रियों का इस्तेमाल किया गया है।
35 सेकेंड का है डीपफेक वीडियो
मेदांता हेल्थ केयर के असिस्टेंट वाइस-प्रेसिडेंट (मार्केटिंग)की तरफ से दर्ज की गई शिकायत में कहा गया है कि यह मामला गंभीर चिंता का विषय था। उन्होंने कहा, 'सोशल मीडिया पर एक फर्जी वीडियो शेयर किया जा रहा है जो भी एक मेडिकल ट्रीटमेंट के बारे में गलत जानकारियां देता है। इस डीपफेक वीडियो में हमारे सीएमडी नरेश त्रेहान नजर आ रहे हैं जो इस उपचार के संबंध में प्रचार कर रहे हैं। इससे अस्पताल और डॉ त्रेहान की छवि खराब हो रही है।
शिकायत में कहा गया है, '35 सेकेंड के इस क्लिप में गलत दावा कर लोगों के बीच कन्फ्यूजन पैदा किया जा रहा है। मैं आपसे आग्रह करती हूं कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हटाने के लिए तुरंत ऐक्शन लिया जाए और ऐसा करने वालों को न्याय प्रक्रिया के अंतर्गत लाया जाए।'
पुलिस ने जांच के लिए बनाई टीम
डॉक्टर त्रेहान को लेकर बनाए गए इस डीपफेक वीडियो के बारे में डीसीपी ने कहा, 'शुरुआती जांच में यह पता चल रहा है कि इस वीडियो में डॉक्टर और एक न्यूज एंकर की फर्जी वॉयस रिकॉर्डिंग दिखाई गई है। डीपफेक वीडियो में जो दिखाया गया है उसे दवा लेने की सलाह डॉक्टर नहीं देते हैं। हम जांच के बाद ही कह पाएंगे कि किस तरह की तकनीक का इस्तेमाल इस वीडियो को बनाने में किया गया है। हमने केस रजिस्टर किया है और मामले की जांच शुरू कर दी ह। आरोपी को पकड़ने के लिए एक विशेष टीम बनाई गई है। हमें कुछ लीड भी मिली है।'
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