गोद में बच्ची को लेकर निकले डिलीवरी बॉय की फोटो वायरल,जानिए इसके पीछे की भावुक करने वाली कहानी
डिलीवरी बॉय की कहानी जानने के बाद अग्रवाल ने उसकी अनुमति लेकर उसकी फोटो के साथ उसकी कहानी दुनिया को बताई। जिसके बाद लोगों ने ना केवल उसके साथ सहानुभूति जताई, बल्कि जमकर उसकी आर्थिक मदद भी की।

गुरुग्राम की एक कंपनी के सीईओ ने हाल ही में सोशल मीडिया पर फूड डिलीवर करने वाली कंपनी स्विगी के एक ऐसे डिलीवरी बॉय की कहानी शेयर की, जो अपनी दो साल की बच्ची को साथ लेकर ऑर्डर देने आया था। उन्होंने बताया कि किस तरह खाना देने आए एक शख्स की गोद में बच्ची को देखकर वह हैरान रह गए। जब उन्होंने डिलीवरी बॉय से इसकी वजह पूछी, तो उसने जो बताया, उसके बाद वे उसकी कहानी को लोगों को बताने से खुद को नहीं रोक सके। उन्होंने बताया कि किस मजबूरी में वह बच्ची को साथ लेकर आया था, और लोग उसे इस तरह देखकर किस तरह की बातें कह रहे हैं।
इस कहानी को मयंक अग्रवाल ने सोशल मीडिया पर शेयर किया, अपनी पोस्ट की शुरुआत में उन्होंने लिखा, 'इसने मुझे अंदर तक झकझोर दिया...' आगे उन्होने लिखा, 'मुझे स्विगी डिलीवरी पार्टनर का फोन आया, जिसने बताया कि वह आ गया है। इसके बाद मैंने उसे दूसरी मंजिल पर आने के लिए कहा, लेकिन फोन रखने से ठीक पहले, मैंने उसके पास बैकग्राउंड में एक बच्चे की आवाज सुनी।'
इसके बाद उत्सुकतावश मैंने पूछा, 'क्या तुम्हारे साथ कोई बच्चा है?' उसने जवाब दिया, 'हां', तो मैंने तुरंत कहा, 'तुम रुको, मैं नीचे आ रहा हूं।' फिर जब मैं गेट तक पहुंचा, मैंने देखा कि उसके साथ बाइक पर एक छोटी सी बच्ची बैठी है, जिसकी उम्र मुश्किल से दो साल होगी। मैंने उससे पूछा, तुम उसे साथ क्यों लाए हो?
उसने जवाब देते हुए बताया, 'घर पर कोई भी नहीं है, उसका बड़ा भाई शाम की क्लास में गया है और जब तक वह घर नहीं आ जाता, इसकी देखभाल मुझे ही करना होगी।' आगे उसने कहा कि 'इसका नाम टुन-टुन है, और पैदा होते वक्त इसने अपनी मां को खो दिया था।'
सीईओ ने आगे लिखा कि स्विगी डिलीवरी पार्टनर का नाम पंकज है, जो कि अपनी छोटी बेटी को गोद में लेकर काम पर निकलता है क्योंकि उनके पास कोई और विकल्प नहीं है। कोई चाइल्डकेयर नहीं। बाइक चलाते वक्त कोई सुरक्षा उपकरण नहीं। बस एक सच्चे पिता का प्यार है।
पोस्ट के मुताबिक पंकज ने उन्हें यह भी बताया कि कुछ ग्राहकों ने बच्ची को साथ देखकर यह भी कहा कि, 'अगर आप मैनेज नहीं कर सकते तो आप घर पर बैठो, क्योंकि आपकी समस्या एक छोटे बच्चे को संभालना है।'
आगे सीईओ ने लिखा कि इस बारे में जानकर मुझे बहुत आश्चर्य हुआ कि हम एक समाज के रूप में कहां जा रहे हैं। लेकिन पंकज को इससे कोई शिकायत नहीं थी और उनके चेहरे पर केवल एक शांत मुस्कान थी।
आगे उन्होंने लिखा कि 'इस पल ने मुझे याद दिलाया कि हम कितनी चीजों को हल्के में लेते हैं और कितने लोग हर दिन चुपचाप असाधारण बोझ उठाते हैं। मैं पंकज और छोटी सी टुन-टुन के लिए कहना चाहूंगा, आपकी ताकत वास्तव में प्रेरणादायक है।'
आगे उन्होंने लिखा, 'इससे पहले कि कोई बच्चे की सुरक्षा के बारे में चिंता जताए, कृपया समझें- वह मजबूरी में ऐसा कर रहा है, अपनी पसंद से नहीं। कृपया सहानुभूति रखें और जल्दी से निर्णय न लें।'
इसके बाद अग्रवाल ने लिखा, 'मैं बस उम्मीद करता हूं कि स्विगी टीम का कोई व्यक्ति इस मामले को देखे और इनकी मदद करने का कोई तरीका खोजे। मैं अपनी क्षमता के अनुसार जो कर सकता था, मैंने कर दिया।'
अपनी पोस्ट की अंत में मयंक अग्रवाल ने लिखा, 'पंकज की कहानी ने मुझे गहराई से छुआ। मैं हमेशा उसकी कोमल मुस्कान और उसकी बेटी के मासूम चेहरे को याद रखूंगा- दोनों ही आगे बढ़ते रहने के लिए शक्तिशाली रूप से प्रेरित करते हैं, चाहे कुछ भी हो। यही जीवन है।'
इसके बाद अग्रवाल ने यह भी बताया कि उन्होंने पंकज की अनुमति से ही उनकी फोटो और स्टोरी पोस्ट की है। इसके साथ ही उन्होंने पंकज की मदद करने के इच्छुक लोगों के लिए उनका फोन नंबर, यूपीआई आईडी और बैंक अकाउंट नंबर भी शेयर किया था।
क्या हुआ इस पोस्ट का असर
मयंक अग्रवाल की इस पोस्ट को पढ़ने के बाद ना केवल लोग भावुक हो गए, बल्कि पंकज की आर्थिक मदद भी करने लगे। इस दौरान पंकज की मदद को इतने हाथ उठे कि उन्हें जरूरत के अनुसार जितना पैसा चाहिए था वो मिल गया, जिसके बाद मयंक ने अपनी पोस्ट में से उनकी अकाउंट डिटेल हटाते हुए लिखा, 'उन्हें अब किसी भी वित्तीय मदद की ज़रूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्हें बहुत सारे कॉल आ रहे हैं और वे काम नहीं कर पा रहे हैं। दोस्तों, कृपया उन्हें कॉल न करें।'