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CM कोई भी बने, कुर्सी तो केजरीवाल की है: दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज

दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के मुख्यमंंत्री अरविंद केजरीवाल आज अपने पद से इस्तीफा देने जा रहे हैं। इस बीच दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा है कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कुर्सी पर कौन बैठता है, मुख्यमंत्री की कुर्सी तो आज भी केजरीवाल की है और अगले 5 साल भी उन्हीं की रहेगी।

Praveen Sharma लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 17 Sep 2024 05:06 AM
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दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के मुख्यमंंत्री अरविंद केजरीवाल आज अपने पद से इस्तीफा देने जा रहे हैं। इस बीच दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा है कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कुर्सी पर कौन बैठता है, मुख्यमंत्री की कुर्सी तो आज भी केजरीवाल की है और अगले 5 साल भी उन्हीं की रहेगी।

आम आदमी पार्टी विधायक दल की बैठक के बाद केजरीवाल के स्थान पर आज दोपहर 12 बजे दिल्ली के नए मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा करेगी। केजरीवाल ने रविवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के अपने फैसले की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि वह तभी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठेंगे जब लोग उन्हें ‘ईमानदारी का सर्टिफिकेट’ दे देंगे।

दिल्ली के नए सीएम के नाम पर जारी मंथन के बीच दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, “इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मुख्यमंत्री की कुर्सी पर कौन बैठता है क्योंकि जनादेश अरविंद केजरीवाल का है। जनता ने अरविंद केजरीवाल को चुना है। उन्होंने कहा है कि जब तक जनता उन्हें दोबारा नहीं चुनेगी, तब तक वे मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे। लेकिन कुर्सी इन और अगले 5 सालों के लिए अरविंद केजरीवाल की है। चुनाव होने तक हम में से कोई एक उस कुर्सी पर बैठेगा। यह वैसा ही होगा जैसे भगवान राम की अनुपस्थिति में भरत ने राज किया था। आज विधायकों के साथ चर्चा होगी और उसमें नाम तय हो सकता है।”

बता दें कि, ‘आप’ नेता सौरभ भारद्वाज ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि केजरीवाल ने इस्तीफा देने का फैसला कर बिल्कुल वैसा ही किया है, जैसा भगवान राम ने मर्यादा के लिए अयोध्या की गद्दी छोड़कर किया था।

भारद्वाज ने कहा कि सुना था कि त्रेतायुग में भगवान श्रीराम ने परिस्थितियों की वजह से राजगद्दी का त्याग कर 14 साल के वनवास पर चले गए थे। इससे अयोध्या की जनता भी बेहद दुखी थी। इसके बाद उनके पीछे जिन्हें वह सिंहासन मिला उन भरत ने भी श्रीराम की खड़ाऊ राजगद्दी पर रखकर शासन चलाया था। अब श्रीराम और हनुमान जी के भक्त अरविंद केजरीवाल ने भी ऐसी ही मर्यादा का पालन करते हुए इस्तीफा दिया है और कहा है कि अब जब जनता उन्हें दोबारा चुनकर जिम्मेदारी देगी, तभी वह सीएम की कुर्सी पर बैठेंगे।

उन्होंने कहा था कि दिल्ली में कल जो राजनीतिक घटनाक्रम हुआ है, उसके चलते केजरीवाल के खिलाफ की गई साजिशों के चलते दिल्ली की जनता भाजपा से बेहद नाराज है। अब दिल्ली की जनता चाहती है कि जल्द से जल्द चुनाव हो, वह दोबारा ईमानदारी के नाम पर चुनाव लड़ने वाले अपने नेता अरविंद केजरीवाल को फिर मुख्यमंत्री की गद्दी पर बिठा सके। मेरा मानना है देश में जाति, धर्म और भाषा के नाम पर बहुत चुनाव लड़े जाते हैं। यह देश का पहला चुनाव होगा, जिसमें एक मुख्यमंत्री कह रहा है कि ईमानदारी के नाम पर चुनाव लड़ा जाएगा। 

 

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