पश्चिम बंगाल: प्रदर्शनकारी शिक्षक मुख्यमंत्री से बातचीत की मांग पर अड़े
--सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षकों की नियुक्ति को अमान्य करार दिया था --शिक्षा विभाग मुख्यालय के

कोलकाता, एजेंसी। साल्ट लेक स्थित पश्चिम बंगाल शिक्षा विभाग के मुख्यालय के बाहर आंदोलनकारी स्कूल शिक्षकों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प के एक दिन बाद शुक्रवार को प्रदर्शनकारियों ने फिर से प्रदर्शन शुरू कर दिया। शिक्षक मुख्यमंत्री से तत्काल बातचीत की मांग पर अड़े हुए हैं। भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं के कारण सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में हजारों नियुक्तियों को रद्द करने के हालिया अदालती आदेश के बाद शिक्षक विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। योग्य शिक्षक अधिकार मंच के एक सदस्य ने कहा कि गुरुवार को पुलिस के साथ हुई झड़प में घायल हुए कई लोग प्रदर्शन स्थल पर लौट आए और धरने में शामिल हुए।
वे अपनी नौकरियों की स्थायी बहाली के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। उनकी मांग है कि 2016 में स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) की परीक्षा पास करने के बाद अब उन्हें नई भर्ती परीक्षा में बैठने के लिए नहीं कहा जाना चाहिए। मंच के नेता और प्रदर्शनकारी शिक्षक चिन्मय मंडल ने कहा कि हम मुख्यमंत्री से तत्काल बातचीत की मांग करते हैं। झड़प में कई लोग हुए थे घायल विकास भवन के आसपास गुरुवार शाम को प्रदर्शनकारी स्कूली शिक्षकों और पुलिस के बीच हिंसक झड़पें हुईं। एक घंटे से अधिक समय तक चली झड़प में महिलाओं सहित कई शिक्षक घायल हो गए। पुलिस उपायुक्त (बिधाननगर) अनीश सरकार ने बताया कि शिक्षा विभाग के फंसे हुए कर्मचारियों को घर लौटने देने के लिए शिक्षकों से बार-बार अनुरोध करने के बावजूद प्रदर्शनकारियों ने अपना आंदोलन जारी रखा। प्रदर्शन में शामिल महबूब मंडल ने बताया कि घायल शिक्षकों की संख्या करीब 100 है। उच्चतम न्यायालय ने राज्य-सहायता प्राप्त स्कूलों में 25,753 शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति को अमान्य करार दिया था और पूरी चयन प्रक्रिया को दूषित और दागी बताया था। भाजपा ने तृणमूल सरकार की आलोचना की भाजपा ने पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि आंदोलनकारी शिक्षकों पर पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई क्रूरता का भयावह प्रदर्शन है। पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेन्दु अधिकारी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आलोचना की और उन पर तानाशाही तथा भ्रष्टाचारियों को बचाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा मेरे दिल के बहुत करीब है, क्योंकि इसी परीक्षा के जरिए मुझे अपनी पहली नौकरी मिली थी। कल विश्वविद्यालय का एक स्वर्ण पदक विजेता ममता बनर्जी की वजह से रो रहा था। अगर इसके लिए कोई जिम्मेदार है, तो वह ममता बनर्जी और उनकी पूरी कैबिनेट है।
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