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Hindi Newsएनसीआर न्यूज़नई दिल्लीTMC Leader Derek O Brien Raises Concern Over Delay in Reconstitution of Parliamentary Committees in Rajya Sabha

डेरेक ने संसदीय समितियों के गठन में देरी पर चिंता जताई

तृणमूल कांग्रेस नेता डेरेक ओ'ब्रायन ने राज्यसभा में जेपी नड्डा को पत्र लिखकर संसदीय स्थायी समितियों के पुनर्गठन में देरी पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर गहरा प्रभाव डालता है...

Newswrap हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 28 Aug 2024 12:02 PM
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- राज्यसभा में सदन के नेता जेपी नड्डा को लिखा पत्र - कहा, इसका लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर गहरा प्रभाव पड़ेगा

नई दिल्ली, एजेंसी। तृणमूल कांग्रेस नेता डेरेक ओब्रायन ने राज्यसभा में सदन के नेता जेपी नड्डा को पत्र लिखकर विभाग-संबंधित संसदीय स्थायी समितियों (डीपीएससी) के पुनर्गठन में देरी पर चिंता व्यक्त जताई है। उन्होंने कहा है कि इसका लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर गहरा प्रभाव पड़ेगा।

डेरेक ने नड्डा को 27 अगस्त को लिखे पत्र में कहा कि राज्यसभा सचिवालय के नौ जुलाई के अनुरोध के अनुसार विभिन्न दलों को मानसून सत्र शुरू होने से पहले 17 जुलाई तक अपने नामांकन सौंपने थे। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस ने 12 जुलाई को अपना नामांकन सौंप दिया था। तृणमूल नेता ने पत्र में लिखा, जब हम राज्यसभा में मिले थे, तब भी मैंने इस मुद्दे को मौखिक रूप से उठाया था। आपने मुझे मौखिक आश्वासन दिया था कि मानसून सत्र की अवधि में ही समितियों का गठन कर दिया जाएगा। दुर्भाग्य से, अगस्त बीत जाने के बाद भी संसदीय समितियों का गठन नहीं किया गया है।

राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के संसदीय दल के नेता ने कहा, इसका हमारी लोकतांत्रिक प्रक्रिया और बनाए गए कानूनों की गुणवत्ता पर गहरा प्रभाव पड़ता है। मैं यह बताना चाहूंगा कि हालिया वर्षों में संसदीय स्थायी समितियों या प्रवर समितियों को गहन समीक्षा के लिए भेजे गए विधेयकों की संख्या में उल्लेखनीय कमी आई है। राज्यसभा में 2014-24 के बीच पारित विधेयकों में से केवल 13 प्रतिशत ही संसदीय समितियों को भेजे गए, जबकि 17वीं लोकसभा (2019 से 2024 तक) में 16 प्रतिशत विधेयक स्थायी समितियों को भेजे गए।

तृणमूल नेता ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त एवं अन्य निर्वाचन आयुक्त विधेयक, 2023, कृषि विधेयकों और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2023 जैसे कानूनों को उचित समीक्षा के बिना पारित किए गए महत्वपूर्ण कानूनों का उदाहरण दिया। उन्होंने यह भी कहा कि संसद के कार्य दिवसों की संख्या में कमी आई है। उन्होंने कहा, चूंकि डीपीएससी, महत्वपूर्ण मामलों पर चर्चा करने के लिए सदस्यों को अधिक समय देती हैं, इसलिए सदस्य इनका जल्द से जल्द गठन चाहते हैं। टीएमसी नेता ने कहा, मैं डीपीएससी का तत्काल गठन किए जाने की आपसे उम्मीद करता हूं। लोकसभा के अधीन 16 और राज्यसभा के अधीन आठ डीपीएससी हैं।

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