वक्फ कानून के प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार से इनकार
सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली नई याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। मुख्य न्यायाधीश खन्ना ने कहा कि पहले से लंबित मामलों में हस्तक्षेप आवेदन...

नई दिल्ली। विशेष संवाददाता सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के कुछ प्रावधानों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली एक नई याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि वह इस मुद्दे पर सैकड़ों याचिकाओं पर सुनवाई नहीं कर सकता।
मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने इसके साथ ही, याचिकाकर्ता सैयद अली अकबर की ओर से पेश अधिवक्ता से इस मुद्दे पर पहले से लंबित पांच मामलों में हस्तक्षेप आवेदन दायर करने को कहा, जिन पर अंतरिम आदेश पारित करने के लिए 5 मई को विस्तृत सुनवाई होगी। मुख्य न्यायाधीश खन्ना ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि हम आपकी इस याचिका पर विचार नहीं कर सकते, बेहतर होगा आप इसे वापस लें। उन्होंने कहा कि हमने 17 अप्रैल को एक आदेश पारित किया था जिसमें कहा था कि केवल 5 याचिकाओं पर सुनवाई की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने इस नई याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए कहा कि पहले से लंबित याचिकाओं में आवेदन दायर करने का रास्ता याचिकाकर्ता के लिए खुला रहेगा। शीर्ष अदालत ने 17 अप्रैल को इस मुद्दे पर कुल याचिकाओं में से सिर्फ 5 याचिकाओं पर सुनवाई करने का फैसला किया था और इस मामले का शीर्षक ‘इन री: वक्फ (अमेंडमेंट) एक्ट, 2025 दिया। पीठ ने वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ दाखिल 72 से अधिक याचिकाओं में विचार किया था। याचिकाकर्ताओं में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) नेता असदुद्दीन ओवैसी, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी), जमीयत उलेमा-ए-हिंद, द द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक), कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी और मोहम्मद जावेद, टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा एवं अन्य शामिल हैं।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।