ऑपरेशन सिंदूर में दिखा बीएसएफ का दमखम
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में प्रवेश करके सबक सिखाया। बीएसएफ ने भी अपनी प्रभावी भूमिका निभाई, विशेषकर जम्मू-कश्मीर के सांबा सेक्टर में। बीएसएफ ने आतंकवादियों के घुसपैठ की...

नई दिल्ली, विशेष संवाददाता ऑपरेशन सिंदूर के दौरान एक तरफ भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में घुसकर सबक सिखाया वहीं सीमा की निगरानी करने वाली बीएसएफ की प्रभावी भूमिका भी केंद्र में रही। अपनी स्थिति के आकलन में जुटे बीएसएफ अधिकारियों का कहना है कि ऑपरेशन सिंदूर ने हमें अपनी तैयारियों को परखने का मौका दिया। जिस तरह मौजूदा मानव संसाधन क्षमता के साथ सुरक्षा बल ने अपनी ड्यूटी को मजबूती से अंजाम दिया, उससे जवानों का हौसला बढ़ा है। फिलहाल जवानों को अपनी रूटीन ड्यूटी पर जाने को कह दिया गया है। अधिकारी ने कहा, पाकिस्तान से तनाव के बीच पश्चिमी मोर्चे पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने भारत की पहली रक्षा पंक्ति के रूप में मजबूती दिखाई।
युद्ध जैसे हालात में सुरक्षा बल ने पाक समर्थित घुसपैठ और आक्रामकता का मुकाबला करने में जबरदस्त साहस, रणनीतिक कौशल और प्रभावशीलता का प्रदर्शन किया। हालांकि, अब इसे ज्यादा मजबूती देने की दिशा में भी कदम तेजी से बढ़ाना है। रणनीतिक परीक्षा में सफलता मिली अधिकारियों ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के सांबा सेक्टर में आठ मई की रात बीएसएफ के लिए एक बड़ी परीक्षा थी। रात करीब 11 बजे भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों के एक समूह ने भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ करने की कोशिश की। इसे पाकिस्तान रेंजर्स की धांधर पोस्ट से सीधी गोलीबारी करके समर्थन दिया गया। उन्नत निगरानी ग्रिड से हरकत उजागर अपने उन्नत निगरानी ग्रिड और त्वरित प्रतिक्रिया टीमों की बदौलत बीएसएफ ने इस हरकत का पता लगाया और सटीक जवाबी कार्रवाई शुरू की। सीमा पार करने से पहले ही सात आतंकियों को मार गिराया गया। निगरानी फुटेज से पुष्टि हुई कि एक सुनियोजित प्रतिक्रिया में, बीएसएफ ने धनधर में दुश्मन के बंकर सहित अन्य संपत्तियों को निशाना बनाकर नष्ट कर दिया। हर सीमा पर डटे रहे अपनी एक आंतरिक रिपोर्ट में बीएसएफ ने कहा है कि राजस्थान और गुजरात की रेत से लेकर पंजाब और जम्मू-कश्मीर के दुर्गम इलाकों तक बीएसएफ ने दृढ़ संकल्प, दृढ़ता और असाधारण दक्षता के साथ भारत की पश्चिमी सीमा की रक्षा का काम बखूबी किया। बीएसएफ ने पूरी ताकत के साथ पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया, उनकी प्रणालियों को नष्ट किया और भारत में घुसपैठ की कोशिश कर रहे आतंकवादियों को खत्म किया। दुश्मन को चकमा देने की रणनीति अधिकारी ने कहा कि प्राथमिक ध्यान जम्मू पर था, लेकिन राजस्थान पंजाब, गुजरात को भी नजरअंदाज़ नहीं किया गया। उन्होंने कहा, इस बात की संभावना थी कि अगर हम फ्लड लाइट बंद कर देते तो पाकिस्तान घुसपैठ कर सकता था, इसलिए हमने उन्हें चालू रखा और हमले के दौरान भी डटे रहे ताकि कोई भी सीमा पार न कर सके। अधिकारी ने कहा कि हमने जोरदार हमला किया और उनके निगरानी ढांचे और अन्य प्रमुख प्रणालियों को नुकसान पहुँचाया। बता दें कि नौ मई को जम्मू में बीएसएफ चौकियों पर अकारण पाकिस्तानी गोलीबारी के कारण सुरक्षा बल ने जबरदस्त जवाबी कार्रवाई की थी। जिला सियालकोट (पाकिस्तान) के लूनी में एक आतंकवादी लॉन्च पैड को नष्ट कर दिया। इससे दुश्मन के बुनियादी ढांचे को बड़ा झटका लगा।
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