प्रतिदिन पांच लाख लीटर भूजल दोहन का मामला, एनजीटी ने सरकार से मांगा जवाब
- किशनगंज इलाके में हो रहा था भूजल दोहन, पत्र लिखकर एनजीटी को दी थी

नई दिल्ली, कार्यालय संवाददाता। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने किशनगंज इलाके में प्रतिदिन पांच लाख लीटर से अधिक भूजल दोहन के मामले में दिल्ली सरकार समेत अन्य से जवाब मांगा है। एनजीटी के न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी एवं विशेषज्ञ सदस्य अफरोज अहमद की पीठ ने कहा कि प्रथम दृष्टया इस तरह के आरोप से पर्यावरण नियमों के उल्लंघन का पता चलता है। मामले की अगली सुनवाई के लिए 21 मई का दिन तय किया गया है। -------- पत्र लिखकर जलस्तर घटने की जताई थी आशंका एनजीटी को इस संबंध में एक पत्र मिला था। जिसमें आरोप लगाया गया था कि एक व्यक्ति व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए अवैध रूप से भूजल निकालता है।
उस पत्र में यह भी दावा किया गया था कि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं की गई, तो यह भी दावा किया कि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं की गई, तो इस बात की पूरी आशंका है कि क्षेत्र में जलस्तर काफी नीचे चला जाएगा। --------- सरकार समेत अन्य से मांगा जवाब एनजीटी ने दिल्ली सरकार के पर्यावरण विभाग के प्रधान सचिव, केंद्रीय भूजल प्राधिकरण (सीजीडब्ल्यूए), दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के सदस्य सचिवों, दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ, मध्य दिल्ली के जिलाधिकारी, दिल्ली नगर निगम आयुक्त से जवाब मांगा है। एनजीटी ने सभी प्रतिवादियों को निर्देश दिया कि वे अगली सुनवाई से पहले अपना जवाब दाखिल कर दें। पीठ ने तथ्यों की पुष्टि के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव, डीजेबी के सीईओ और संबंधित जिला मजिस्ट्रेट के प्रतिनिधियों की एक संयुक्त समिति भी बनाई।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।