चुनौती:: सोशल मीडिया पर फर्जी दावों के सहारे दुष्प्रचार
भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम के बाद भी सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों का फैलाव जारी है। पाकिस्तान के हैंडलर्स ने भ्रामक सूचनाएं फैलाने का काम किया है। पीआईबी फैक्ट चेक ने कई फर्जी दावों को बेनकाब किया है,...

नई दिल्ली, एजेंसी। भारत- पाकिस्तान में संघर्ष विराम के बाद भी सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों का प्रसार जारी है। भारत और सरकार के खिलाफ पाकिस्तान के सोशल मीडिया हैंडलरों की टीम फर्जी, भ्रामक सूचनाएं और दुष्प्रचार में जुटी हैं जिसका सच्चाई से कोई संबंध नहीं है। पीआईबी फैक्ट चेक ने इन फर्जी दावों को बेनकाब किया है। आइए जानते हैं फर्जी दावों के पीछे कितनी सच्चाई है? दावा: अंग्रेजी समाचार पत्र की वेबसाइट पर खबर वायरल हो रही, इसमें लिखा है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आरोप पत्र की पुष्टि हो चुकी है। इसमें प्रधानमंत्री के साथ दो पुलिस अधिकारी भी दिख रहे।
सच: ये फर्जी खबर है और संबंधित समाचार की वेबसाइट पर कोई खबर प्रकाशित नहीं की गई है। एआई के जरिए इस तस्वीर को तैयार किया गया है। इसमें कोई सच्चाई नहीं है। दावा: ब्रिटेन के समाचार पत्र द टेलीग्राफ की एक तस्वीर वायरल है, इसमें हेडिंग लगी है कि ‘पाकिस्तान की वायुसेना आसमान की किंग है। 10 मई के अंक में ये दावा किया गया। सच: द टेलीग्राफ ने 10 मई के अंक में ऐसी कोई खबर नहीं प्रकाशित की है। एआई की मदद से तैयार इस तस्वीर के जरिए सिर्फ भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है। दावा: अंग्रेजी अखबार के डिजिटल प्लेटफॉर्म की वायरल तस्वीर से दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों को रोजाना 10 हजार रुपये देने का वादा किया है। इसलिए एटीएम पर लंबी लाइन लगी है। सच: केंद्र सरकार ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की है। नागरिकों से अपील है कि वे अफवाहों में आकर अपनी कोई भी वित्तीय जानकारी किसी वेबसाइट या अनजान व्यक्ति को साझा न करें। दावा: पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर हमला करने से पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी पाक को दी। एक व्यक्ति ने एक्स पर पोस्ट में ये दावा किया। सच: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ऑपरेशन सिंदूर के शुरू होने से पहले कोई भी जानकारी पाक को नहीं दी थी। ये झूठी पोस्ट है। विदेश मंत्री के नाम पर फर्जी बयान का इस्तेमाल किया गया है। दावा: एक तस्वीर के जरिए बताया जा रहा कि पाक सेना के हमले के बाद जम्मू- कश्मीर के उधमपुर में धुएं का गुबार उठ गया और वहां भारी नुकसान हुआ। सच: उधमपुर एयरबेस की वायरल तस्वीर में कोई सत्यता नहीं है। तस्वीर में जो विमान दिख रहा वो भारतीय सेना के बेड़े में भी शामिल ही नहीं है। दावा: पाक के हमले में राफेल विमान के पायलट के अंतिम संस्कार की तस्वीर वायरल है। इसमें दावा किया जा रहा कि पाक के हमले में दोनों पायलट शहीद हुए थे। सच: पाकिस्तानी सोशल मीडिया अकाउंट से किया गया दावा पूर्ण रूप से फर्जी है। इसमें कोई भी सत्यता नहीं है। पाक के खिलाफ कार्रवाई में किसी भारतीय पायलट को कोई क्षति नहीं हुई है। दावा: पहलगाम आतंकी हमले के लिए वायरल वीडियो में एक सैनिक सरकार को दोषी ठहरा रहा। वीडियो में दिख रहा शख्स ने खुद को सैनिक की तरह पेश किया है। सच: वीडियो में दिख रहा सैनिक भगौड़ा है और मौजूदा समय में वे भारतीय सेना का हिस्सा नहीं है। ये अपने परिवार के भी संपर्क में नहीं है। ऐसे वीडियो पर विश्वास न करें।
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