दिल्ली पुलिस ने बांग्लादेशी घुसपैठिये को तीसरी बार वापस भेजा, उसने बताया वो कैसे आ जाता है बार-बार
- गिरफ्त में आए बांग्लादेशी शख्स ने बताया कि उसका गांव बाड़ लगी भारत-बांग्लादेश सीमा से 3 KM दूर स्थित है। वह दलालों की मदद से भारत में प्रवेश करता है, जो रात में सीमा की बाड़ काटकर अवैध रूप से सीमा पार करने के लिए प्रति व्यक्ति 6 से 10 हजार रुपए लेते हैं।
दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी में अवैध रूप से रह रहे तीन बांग्लादेशी नागरिकों को दो अलग-अलग अभियानों के बाद वापस भेज दिया है। इनमें से एक शख्स तीस साल पहले भारत में घुसकर आया था और उसे दो बार निर्वासित भी किया जा चुका है, हालांकि वह दलालों की मदद से बार-बार सीमा पार कर आ जाता है।
इस बात की जानकारी देते हुए एक पुलिस अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के आदेश के बाद पिछले महीने बांग्लादेश से अवैध रूप से आए प्रवासियों की पहचान के लिए सत्यापन अभियान चलाया गया था।
पुलिस ने आकाश को पकड़ा
इस दौरान छह जनवरी को आरके पुरम थाने की टीम ने 32 वर्षीय बांग्लादेशी शख्स मोहम्मद अक्कास अली उर्फ आकाश को पकड़ा। पुलिस को सूचना मिली थी कि वह एकता विहार इलाके में कमरा किराये पर लेने की कोशिश कर रहा है।
आकाश निकला मोहम्मद अक्कास
दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के पुलिस उपायुक्त सुरेंद्र चौधरी ने आगे बतायाा कि, ‘इसके बाद पुलिस की टीम ने उसे पकड़ लिया और उसने शुरू में खुद को कोलकाता का रहने वाला बताया। हालांकि, लगातार पूछताछ और उसके मोबाइल फोन डेटा के विश्लेषण के बाद उसकी पहचान मोहम्मद अक्कास अली के रूप में हुई, जो बांग्लादेश के जेसोर जिले का रहने वाला है।’
पहली बार 2012 में निर्वासित किया गया
पूछताछ के दौरान अली ने बताया कि वह 1994 में दिल्ली आया था और इसके बाद से यहां अवैध रूप से रह रहा था। उसे पहली बार 2012 में उसके परिवार के साथ वापस भेजा गया था। हालांकि वह फिर आ गया था।
2016 में दूसरी बार वापस भेजा गया
पुलिस उपायुक्त ने कहा, ‘अली ने 2015 में दलालों की मदद से बेनापोल-पेट्रापोल सीमा पार कर एकबार फिर भारत में अवैध रूप से प्रवेश कर लिया, लेकिन इसके बाद 2016 में उसे फिर से पकड़ लिया गया और निर्वासित कर दिया गया। नवंबर 2023 में वह तीसरी बार भारत लौटा और इस बार उसने अपना नाम बदलकर आकाश रख लिया। इसके बाद उसने शास्त्री पार्क, सीलमपुर, कापसहेड़ा और डाबरी समेत दिल्ली के कई इलाकों में मजदूरी की।’
शख्स ने बताया कैसे आ जाता है बार-बार
अली ने बताया कि उसका गांव बाड़ लगी भारत-बांग्लादेश सीमा से तीन किलोमीटर दूर स्थित है। दलालों की मदद से वह भारत में प्रवेश करता था। यह दलाल रात में सीमा की बाड़ काटकर अवैध रूप से सीमा पार करने के लिए प्रति व्यक्ति 6,000-10,000 रुपए लेते हैं।
पति-पत्नी को भी निर्वासित किया गया
इस बीच, पांच जनवरी को एक अलग अभियान में पुलिस ने दो अन्य बांग्लादेशी नागरिकों मोहम्मद जसीम (32) और उसकी पत्नी जैनब अख्तर (27) की पहचान की, जो वसंत कुंज इलाके में अवैध रूप से रह रहे थे। दोनों को पकड़ लिया गया और बाद में विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (FRRO) के माध्यम से उन्हें वापस भेज दिया गया।