दिल्ली में फिर गिरफ्त में आए 11 बांग्लादेशी घुसपैठिये, पुलिस ने सही जगह पहुंचा दिया
- दिल्ली पुलिस की दक्षिण-पश्चिम जिले की एंटी स्नैचिंग सेल ने दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे 11 बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ने में कामयाबी हासिल की है।
दिल्ली पुलिस ने शहर में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ अपना अभियान जारी रखते हुए हाल ही में 11 बांग्लादेशियों को पकड़कर वापस उनके देश भेज दिया है। इस बारे में जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया कि सभी ग्यारह अवैध नागरिको को FRRO (विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय) के माध्यम से वापस बांग्लादेश भेजा गया है।
यह कार्रवाई दक्षिण-पश्चिम जिले की एंटी स्नैचिंग सेल ने की, जिसमें 11 बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ने में सफलता पाई थी। इस बारे में जानकारी देते हुए पुलिस उपायुक्त (दक्षिण-पश्चिम) सुरेन्द्र चौधरी ने बताया कि महिपालपुर में चलाए गए अभियान के दौरान 11 बांग्लादेशी नागरिक बिना वैध दस्तावेजों के होटलों में ठहरे हुए पाए गए।
डीसीपी ने कहा, 'पुलिस ने अवैध प्रवासियों को उनके पर्यटक वीजा की अवधि से ज्यादा समय तक रहने के कारण हिरासत में लिया। पूछताछ के बाद, उन्हें विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (FRRO) को सौंप दिया गया, जहां से उन्हें वापस बांग्लादेश भेज दिया गया।'
पुलिस के अनुसार जिन लोगों को निर्वासन किया गया है, उनके नाम मोहम्मद शिमुल, मोहम्मद अली पूरन, मोहम्मद शिहाब हसन, मोहम्मद जाकिर हुसैन बिप्लव, अनवर हसन, मसुदुल आलम अतुल, जकारिया अहमद, अर्पोन कुमार चंदा, मोहम्मद रफीकुल, मिजानुद्दीन और आरिफुर रहमान अकरम हैं।
पुलिस ने बताया कि 21 से 48 साल की उम्र के निर्वासित लोग बांग्लादेश के विभिन्न जिलों से थे। जिनमें कुमिला, गाजीपुर, ढाका और सुनामगंज शामिल हैं। अधिकारी ने कहा कि उन्होंने पर्यटक वीजा पर भारत में प्रवेश करने और अवधि समाप्त होने के बाद भी दिल्ली में रहने की बात स्वीकार की।
इससे एक दिन पहले मंगलवार को ही दिल्ली पुलिस ने बताया था कि उसने यहां अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी मां-बेटे को वापस उनके देश भेजा है। उक्त महिला वर्ष 2005 से दक्षिण-पश्चिम दिल्ली में रह रही थी, जबकि उसका बेटा भी चार साल पहले बांग्लादेश से यहां आकर उसके साथ रहने लगा था।
वहीं 29 दिसंबर को पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी के रंगपुरी इलाके में अवैध रूप से रह रहे 8 बांग्लादेशी नागरिकों को निर्वासित करने की जानकारी दी थी। अधिकारी ने बताया था कि इस दौरान जहांगीर, उसकी पत्नी और उसके छह बच्चों को वापस उनके देश भेजा गया था। जो कि बांग्लादेश के मदारीपुर जिले के केकरहाट गांव के रहने वाले हैं। पुलिस के अनुसार उसने अपने बांग्लादेशी पहचान पत्र नष्ट कर दिए थे और अपनी मूल पहचान छिपाकर दिल्ली में रह रहा था।