दिल्ली के गुरजंत उर्फ जनता गिरोह पर पुलिस की स्ट्राइक, 8 बदमाशों को दबोचा; इतने हथियार बरामद
पुलिस का कहना है कि इस गिरोह के ज्यादातर बदमाश हरियाणा के अर्ध-शहरी युवा हैं, जिनमें से कई की उम्र 20 साल के आसपास है। उन्होंने बताया कि इनमें से कई का आपराधिक रिकॉर्ड भी रहा है और कई तो जेल की सजा भी काटकर आ चुके हैं।

दिल्ली पुलिस को हाल ही में उस वक्त बड़ी कामयाबी मिली जब उसने गुरजंत सिंह उर्फ जनता गिरोह के एक प्रमुख ऑपरेशनल विंग का भंडाफोड़ करते हुए 8 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। इस कार्रवाई को पुलिस की क्राइम ब्रांच के अंतर-राज्यीय सेल ने अंजाम दिया। इन आरोपियों ने इस साल अप्रैल महीने की शुरुआत में आनंद विहार इलाके में जबरन वसूली और गोलीबारी के अपराध को अंजाम दिया था। गिरफ्तार लोगों में शूटर, हथियार सप्लायर और साजिशकर्ता भी शामिल हैं।
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) संजय कुमार सेन ने मामले की जानकारी देते हुए कहा कि ये गिरफ्तारियां 8 अप्रैल को आनंद विहार इलाके में एक कारोबारी के घर पर हुई गोलीबारी के बाद की गईं। इससे पहले आरोपियों ने उसे वॉट्सएप और अंतर्राष्ट्रीय कॉल के जरिए धमकाते हुए उससे 5 करोड़ रुपए की जबरन वसूली करने की कोशिश की थी।
पुलिस का कहना है कि इस गिरोह के ज्यादातर बदमाश हरियाणा के अर्ध-शहरी युवा हैं, जिनमें से कई की उम्र 20 साल के आसपास है। उन्होंने बताया कि इनमें से कई का आपराधिक रिकॉर्ड भी रहा है और कई तो जेल की सजा भी काटकर आ चुके हैं।
अधिकारी ने बताया कि पुलिस टीम को यह सफलता 2 मई को उस वक्त मिली, जब उत्तरी दिल्ली के अलीपुर में उसने एक कैब को रोका और उससे मिली जानकारी के आधार पर पानीपत से सुमित घंगस को 45 जिंदा कारतूसों के साथ गिरफ्तार किया। वह और उसका भाई राहुल घंगस हत्या की कोशिश के एक मामले में जमानत पर बाहर थे और कथित तौर पर गुरजंत के साथ काम कर रहे थे।
आगे उन्होंने बताया कि इसके बाद की गई छापेमारी में पानीपत, करनाल और अंबाला से छह और लोगों की गिरफ्तारी हुई। इस दौरान पुलिस ने तीन सेमी-ऑटोमैटिक पिस्तौल, दो देसी हथियार, 69 जिंदा कारतूस और आरोपियों के बीच बातचीत में इस्तेमाल होने वाले कई फोन बरामद किए।
पुलिस ने बताया कि व्यापारी के घर हुई गोलीबारी की साजिश राहुल घंगस ने 8 अप्रैल को रची थी। जिसमें सौरव, राहुल कश्यप, आशीष कुमार, रोहित कुमार, प्रीतपाल सिंह और दीपक कुमार सहित अन्य लोगों ने अलग-अलग तरह से उसकी मदद की थी। ये सभी आरोपी हथियारों की अदला-बदली, रसद और बाइक चोरी जैसे अपराधों में शामिल रहे हैं।
पुलिस उपायुक्त आदित्य गौतम ने इस वारदात को लेकर कहा कि यह मामला जेल में बंद या भगोड़े बदमाशों द्वारा दूर बैठकर अपराध को अंजाम देने की बढ़ती चुनौती को उजागर करता है। हालांकि इस ऑपरेशन ने गुरजंत सिंह गिरोह की कमर तोड़ दी है औप उसके एक प्रमुख अंग को पंगु बना दिया है।