Delhi High Court closes case of IRPS officer Anjali Birla against objectionable posts अपमानजनक पोस्ट्स मामले में ओम बिरला की बेटी ने किया था केस, दिल्ली हाई कोर्ट ने क्या सुनाया फैसला, Ncr Hindi News - Hindustan
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अपमानजनक पोस्ट्स मामले में ओम बिरला की बेटी ने किया था केस, दिल्ली हाई कोर्ट ने क्या सुनाया फैसला

सुनवाई के दौरान अंजलि बिरला के वकील ने कोर्ट को बताया कि बिरला ने UPSC और CSE (सिविल सेवा परीक्षा) दी थी और 2019 की कंसोलिडेटेड आरक्षित सूची में उनका चयन हुआ था। इसके बाद ही वह IRPS अधिकारी के रूप में भारतीय रेलवे में शामिल हुईं।

Sourabh Jain पीटीआई, नई दिल्लीTue, 13 May 2025 03:08 PM
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अपमानजनक पोस्ट्स मामले में ओम बिरला की बेटी ने किया था केस, दिल्ली हाई कोर्ट ने क्या सुनाया फैसला

दिल्ली हाई कोर्ट ने आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्ट के खिलाफ IRPS (भारतीय रेलवे कार्मिक सेवा) अधिकारी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की बेटी अंजलि बिरला द्वारा दायर मुकदमे की कार्यवाही मंगलवार को बंद कर दी। जस्टिस ज्योति सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स कॉर्प’ (पूर्व में ट्विटर), गूगल और अज्ञात व्यक्तियों (जॉन डो) के खिलाफ दायर इस मुकदमे में अंजलि बिरला के पक्ष में फैसला सुनाया। वैसे तो अदालत के निर्देश पर इन प्लेटफॉर्म्स ने ज्यादातर पोस्ट्स को पहले ही हटा दिया था, लेकिन कोर्ट ने अन्य पोस्ट्स को भी जल्द से जल्द हटाने को कहा, साथ ही कहा कि अगर अंजलि बिरला भविष्य में किसी अन्य अपमानजनक पोस्ट्स को उनके संज्ञान में लाती हैं, तो उन्हें भी हटाया जाना चाहिए।

अंजलि बिरला ने हाई कोर्ट में याचिका दायर करते हुए सोशल मीडिया से उन पोस्ट्स को हटाने का निर्देश देने का अनुरोध किया था जिनमें आरोप लगाया गया था कि उन्होंने (अंजलि ने) अपने पिता के प्रभाव की वजह से UPSC (संघ लोक सेवा आयोग) की परीक्षा पास की थी और इसी कारण से वह पहली ही कोशिश में भारतीय प्रशासनिक सेवा (IRS) अधिकारी बन गईं।

सुनवाई के दौरान अंजलि बिरला के वकील ने कोर्ट को बताया कि बिरला ने UPSC और CSE (सिविल सेवा परीक्षा) दी थी और 2019 की समेकित आरक्षित सूची में उनका चयन हुआ था। इसके बाद ही वह IRPS अधिकारी के रूप में भारतीय रेलवे में शामिल हुईं।

इससे पहले अदालत ने पिछले साल जुलाई में एक अंतरिम आदेश पारित कर ‘एक्स कॉर्प’ और ‘गूगल इंक’ को अंजलि बिरला के खिलाफ आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्ट हटाने का निर्देश दिया था। साथ ही अंतरिम आदेश में कोर्ट ने अज्ञात पक्षों को अंजलि बिरला द्वारा दायर इस मानहानि के मुकदमे में बताई गई कथित मानहानिकारक व अपमानजनक सामग्री को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पोस्ट करने, प्रसारित करने, संचारित करने, ट्वीट करने या रीट्वीट करने से भी रोक दिया था।

इस मामले में मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ के वकील ने अदालत को बताया कि अपमानजनक 16 सोशल मीडिया पोस्ट्स में से 12 को मूल स्रोत से हटा दिया गया है जबकि शेष चार पोस्ट तक पहुंच को अंतरिम आदेश का पालन करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने अवरुद्ध कर दिया है।

अदालत ने ‘एक्स’ को बाकी बची उन चार पोस्ट भी हटाने का निर्देश दिया और कहा कि यदि अंजलि बिरला ऐसे ही किसी अन्य पोस्ट को उसके संज्ञान में लाती हैं, तो उन्हें भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म द्वारा हटाया जाना चाहिए।

2024 में हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा था, 'याचिकाकर्ता को 2021 में IRPS में नियुक्त किया गया था। 2024 में सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट करने का उद्देश्य और जिस भाषा में उन्हें पोस्ट किया गया है, वह सही नहीं लगता है।'

अंजलि बिरला के वकील ने तर्क दिया था कि सोशल मीडिया ट्वीट्स अपने आप में मानहानिकारक और गलत थे और वादी की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए लापरवाही से किए गए थे और उन्हें वायरल होने या प्रसारित होने की अनुमति नहीं दी जा सकती। तब उन्होंने कहा था कि 2021 में उनके खिलाफ इसी तरह के आरोप सामने आए थे, लेकिन अधिकारी की शिकायत पर कई मीडिया हाउस ने जांच की और बाद में विवाद शांत हो गया था।

सुनवाई के दौरान बिरला के वकील ने कहा, 'तीन साल बाद, यह सोशल मीडिया अभियान अचानक फिर से शुरू हो गया है, जो न केवल उसे बल्कि उसके परिवार को भी बदनाम कर रहा है, जिसमें उसके पिता भी शामिल हैं, जो एक राजनीतिक व्यक्ति हैं और एक संवैधानिक पद पर हैं।'

अंजलि की तरफ से बोलते हुए उनके वकील ने कहा, 'वह 2021 में एक अधिकारी बन गई थीं, लेकिन अब NEET और UPSC परीक्षा विवाद के कारण ये चीजें अचानक फिर से सामने आई हैं। सोशल मीडिया पोस्ट्स से ऐसा लगता है जैसे हम सभी इसका हिस्सा हैं। मेरी (अंजलि की) निजी तस्वीरें ऑनलाइन पोस्ट की जा रही हैं और कहा जा रहा है कि मैं एक मॉडल हूं।' वकील ने कोर्ट से कहा था कि इस बारे में उन्होंने साइबर अपराध विभाग में भी शिकायत दर्ज कराई है।