दिल्ली हाईकोर्ट: ISIS का ऑनलाइन प्रचार करने, शपथ लेने वाले MBA ग्रेजुएट की जमानत याचिका हुई खारिज
- दिल्ली हाईकोर्ट ने ISIS की विचारधारा को ऑनलाइन फैलाने वाले शख्स को जमानत देने से इंकार करने के खिलाफ दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने ISIS की विचारधारा को ऑनलाइन फैलाने वाले शख्स को जमानत देने से इंकार करने के खिलाफ दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया है। आरोपी का नाम मोहम्मद हिदायतुल्लाह है। आरोपी जामिया इस्लामिया से एमबीए ग्रेजुएट है। उसके ऊपर ISIS की विचारधारा को ऑनलाइन फैलाने, हिन्दुओं के खिलाफी दुश्मनी को बढ़ावा देने, आंतकी संगठन की मदद करने के लिए पैसे भेजने का आरोप है। हाईकोर्ट ने एक व्हाट्सएप चैट पर भी गौर किया था, जिससे पता चला कि अपीलकर्ता ISIS में शामिल होने का इरादा रखता था।
हिदायतुल्लाह पर यह भी आरोप है कि उसने 2018 में ISIS के प्रति निष्ठा दिखाते हुए शपथ ली थी। उसने ISIS के बैनर तले भारत में शरिया कानून स्थापित करने की साजिश भी रची थी। न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह और न्यायमूर्ति अमित शर्मा की खंडपीठ ने स्पेशल एनआईए अदालत द्वारा अपीलकर्ता को जमानत देने से इनकार करने के आदेश के खिलाफ अपील खारिज कर दी है। खंडपीठ ने कहा कि इन परिस्थितियों में, इस न्यायालय की राय है कि विवादित आदेश में किसी भी तरह के हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है।
पीठ ने 10 जनवरी 2025 को आदेश दिया था कि आरोपों को ध्यान में रखते हुए वर्तमान अपील को खारिज कर दिया गया है। अपील को खारिज करते हुए न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वर्तमान मामले में जैसा कि पहले भी उजागर किया जा चुका है, अपीलकर्ता ने 2018 में अबू बक्र अल बगदादी और अबू अल-हसन अल-हाशिमी अल-कुरैशी के नाम पर शपथ ली थी। अबू बक्र अल बगदादी आईएसआईएस का एक प्रसिद्ध नेता है। दाखिल किए गए आरोपपत्र के अनुसार उसने जून 2014 में खिलाफत के गठन की घोषणा की थी।