विधानसभा चुनाव: दिल्ली में कितनी उड़ी ओवैसी की पतंग, मुस्तफाबाद और ओखला में क्या है हाल?
- दिल्ली चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी ने मुस्तफाबाद और ओखला से उम्मीदवार उतारे, लेकिन पार्टी को जीत हासिल नहीं हुई। ओखला में शिफा-उर-रहमान दूसरे स्थान पर रहे, जबकि मुस्तफाबाद में ताहिर 'आप' के अदील खान की हार का कारण बने।
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दिल्ली चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी भी अपनी किस्मत आजमा रहे थे। उनकी पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तिहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने दो मुस्लिम बहुल सीटों मुस्तफाबाद और ओखला से अपने उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन एक भी जगह उनकी पार्टी जीतती हुई नजर आ रही है। इन दोनों सीटों से उम्मीदवार उतारने के पीछे ओवैसी की रणनीति यह थी कि वह मुस्लिम वोटों के सहारे दिल्ली विधानसभा में अपने पार्टी की एंट्री करा लें, लेकिन उनका यह मंसूबा पूरा नहीं हो पाया। बहरहाल एक सीट पर उनके उम्मीदवार को मिले वोट ने 'आप' की हार तय कर दी। दोनों ही सीटों से AIMIM के उम्मीदवारों पर दंगों के आरोप हैं।
शिफा न जीते, न खेल बागाड़ पाए
ओखला क्षेत्र में मुस्लिम वोटरों की संख्या 55% है, जो किसी भी प्रत्याशी की जीत-हार में निर्णायक भूमिका निभाती है। यही कारण है कि बीजेपी को छोड़कर सभी दलों ने मुस्लिम प्रत्याशी मैदान में उतारे थे। 'आप' ने अपन मौजूदा विधायक अमानतुल्लाह खान को मैदान में उतारा था और वह एक बार फिर जीतते हुए नजर आ रहे हैं। AIMIM के चुनाव चिह्न पतंग की डोर थामकर शिफा-उर-रहमान खान मैदान में थे। कांग्रेस से अरीबा खान और भाजपा से मनीष चौधरी लड़ रहे थे। ओखला में AIMIM ने बेहतर प्रदर्शन किया, दूसरे स्थान पर रहते हुए भाजपा और कांग्रेस को पीछे छोड़ दिया। 23 में से 11 राउंड की वोटों की गिनती के बाद अमानतुल्लाह 51 हजार वोट पाकर अपने करीबी उम्मीदवार शिफा-उर-रहमान से 22 हजार वोटों से आगे चल रहे थे। शिफा को 29 हजार वोटों के साथ दूसरे और मनीष 14 हजार वोट पाकर तीसरे नंबर पर थे। अरीबा कुछ खास असर नहीं छोड़ पाईं और उन्हें महज साढ़े आठ हजार वोट मिले थे।
ताहिर ने बिगाड़ा अदील का खेल
मुस्तफाबाद में दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को ओवैसी की पार्टी ने टिकट दिया था। करीब 44 प्रतिशत मुस्लिम वोटरों वाली इस विधानसभा सीट से बीजेपी के मनोहर सिंह बिष्ट जीत गए हैं। बीजेपी उम्मीदवार की जीत का मार्जिन यहां 17578 वोटों का है। 'आप' अदील अहमद खान को 67637 वोट मिले हैं और ताहिर हुसैन को 33474 वोट। आंकड़े बता रहे हैं कि भले ही AIMIM उम्मीदवार तीसरे नंबर पर रहे, लेकिन उन्होंने आप के उम्मीदवार का रास्ता रोक दिया। मुस्लिम वोटों का बंटवारा नहीं होता तो अदील भाजपा के मनोहर सिंह बिष्ट पर भारी पड़ सकते थे।