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आसाराम और नारायण साईं के खिलाफ गवाही देने वालों पर किए हमले, वांटेड गोलू नोएडा से गिरफ्तार

आसाराम और नारायण साईं के खिलाफ गवाही देने वालों पर जानलेवा हमला करने वाला फरार आरोपी तामराज उर्फ ताम्रध्वज उर्फ गोलू को सूरत क्राइम ब्रांच ने गुरुवार को नोएडा से गिरफ्तार किया और अपने साथ ले गई।

Sneha Baluni हिन्दुस्तान, नोएडाFri, 7 March 2025 10:30 AM
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आसाराम और नारायण साईं के खिलाफ गवाही देने वालों पर किए हमले, वांटेड गोलू नोएडा से गिरफ्तार

आसाराम और नारायण साईं के खिलाफ गवाही देने वालों पर जानलेवा हमला करने वाला फरार आरोपी तामराज उर्फ ताम्रध्वज उर्फ गोलू को सूरत क्राइम ब्रांच ने गुरुवार को नोएडा से गिरफ्तार किया और अपने साथ ले गई। नोएडा पुलिस ने रिमांड पर लेने की जानकारी होने से इनकार किया और छह राज्य में से किसी पुलिस की ओर से इस मामले में संपर्क करने से भी मना किया है।

सूत्रों के मुताबिक मूलरूप से छत्तीसगढ़ के राजनाथगांव जिले के डोंगरियांव थाना क्षेत्र के बड़भूम गांव का तामराज रहने वाला है। वह आसाराम और नारायण साईं का कट्टर अनुयायी है। वह नौ मामलों में गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा और उत्तर प्रदेश राज्यों में वांछित था। पुलिस आरोपी की तलाश कर रही थी, जबकि हरियाणा पुलिस ने उस पर 50 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया था। उस पर पानीपत सदर थाने में 2015 का मुकदमा दर्ज है। उधर, आरोपी तामराज गिरफ्तारी से बचने के लिए धर्म परिवर्तन करके नोएडा में रह रहा था और ईसाई बनकर अपना नाम स्टीफन रख लिया था।

गिरोह का करता था नेतृत्व

एनडीटीवी के अनुसार, तामराज के खिलाफ एसिड अटैक, हत्या के प्रयास और हत्या सहित कई गंभीर आपराधिक आरोप थे। सूरत के पुलिस कमिश्नर अनुपम सिंह गहलोत ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि छत्तीसगढ़ निवासी तमराज साहू एक गिरोह का नेतृत्व कर रहा था जिसने आसाराम बापू मामले में मुख्य गवाहों पर हिंसक हमले किए थे। गैंग एसिड अटैक, चाकू घोंपने और गोलीबारी करने में माहिर था। साहू पहले पीड़ित के घर के पास किराए पर मकान लेता था, उनकी गतिविधियों पर नजर रखता और फिर भागने से पहले सही समय पर हमला कर देता था।

पहचान छुपाकर रह रहा था

आसाराम की गिरफ्तारी के बाद, साहू भूमिगत हो गया। वह गिरफ्तारी से बचने को लगातार पहचान बदलता रहा और पहचान छुपाकर अलग-अलग राज्यों में घूमता रहा। अधिकारियों ने उसे गिरफ्तार करने में मदद करने वाले को 50,000 रुपये का इनाम देने की घोषणा की हुई थी। सूरत पुलिस कमिश्नर अनुपम सिंह गहलोत ने कहा कि अब जांच उन लोगों की पहचान करने पर केंद्रित है जिन्होंने सालों तक साहू को आश्रय और वित्तीय सहायता प्रदान की।

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