Hindi Newsदेश न्यूज़Why China urging Early Ceasefire Peace Call For Russia amid US okays to use long range weapon to Ukraine

US के कदम से टेंशन में क्यों आया चीन, यूक्रेन जंग पर दोस्त को देने लगा युद्धविराम की नसीहत

जो बाइडेन की मंजूरी के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमिर जेलेंस्की ने रूस को धमकाया है और कहा है कि लंबी दूरी के हथियारों का उपयोग करने की अनुमति देने जैसी बातों की घोषणा नहीं की जाती है।

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, बीजिंगMon, 18 Nov 2024 04:08 PM
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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की ओर से यूक्रेन को रूस के अंदर तक हमला करने के लिए लंबी दूरी की मिसाइलों का इस्तेमाल करने की इजाजत देने संबंधी मीडिया रिपोर्टों के बाद चीन चिंतित हो उठा है। चीन ने अब अपने पड़ोसी मित्र देश रूस को शांति का रास्ता अख्तियार करने की सलाह दी है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने सोमवार को मीडिया ब्रीफिंग में रूस से शांति का आह्वान किया है। लिन जियान ने नियमित ब्रीफिंग में अमेरिका के जो बाइडेन प्रशासन के निर्णय के बारे में पूछे जाने पर कहा, "शीघ्र युद्ध विराम और राजनीतिक समाधान सभी पक्षों के हितों के लिए जरूरी है।"

उन्होंने कहा, "सबसे जरूरी बात यह है कि हालात को जल्द से जल्द शांत किया जाए।" चीन खुद को यूक्रेन युद्ध में एक तटस्थ पक्ष के रूप में प्रस्तुत करता है और कहता है कि वह संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों के रुख के विपरीत किसी भी पक्ष को घातक सहायता नहीं भेज रहा है। लेकिन यह रूस का करीबी राजनीतिक और आर्थिक मददगार बना हुआ है। नाटो पहले ही चीन को युद्ध का समर्थक देश करार दे चुका है क्योंकि चीन ने पिछले करीब तीन साल में कभी भी यूक्रेन-रूस युद्ध की आलोचना नहीं की।

दूसरी तरफ लियान ने चीनी रुख स्पष्ट करते हुए कहा है कि उनके देश ने हमेशा से संकट के शांतिपूर्ण समाधान की वकालत की है और शांति प्रयासों को सदैव प्रोत्साहित किया है और उसका समर्थन किया है। चीनी प्रवक्ता ने कहा कि वह हमेशा से यूक्रेन संकट के राजनीतिक समाधान में रचनात्मक भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं। उन्होंने इस बात का भी खंडन किया कि यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे ड्रोन चीन निर्मित हैं। उन्होंने यूरोपीय संघ के अधिकारियों की उस रिपोर्ट को भा खारिज कर दिया जिसमें कथित तौर पर उन सबूतों का उल्लेख किया गया है कि ये ड्रोन चीन निर्मित हैं। उन्होंने ये भी कहा कि बीजिंग ने युद्धग्रस्त देश को कभी भी कोई घातक हथियार उपलब्ध नहीं कराए हैं।

दूसरी तरफ जो बाइडेन की मंजूरी के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमिर जेलेंस्की ने रूस को धमकाया है और कहा है कि लंबी दूरी के हथियारों का उपयोग करने की अनुमति देने जैसी बातों की घोषणा नहीं की जाती है। जेलेंस्की ने कहा, “आज, मीडिया में बहुत कुछ कहा जा रहा है कि हमें उचित कार्रवाई करने की अनुमति मिल गई है। लेकिन हमले शब्दों से नहीं किए जाते हैं। ऐसी बातें घोषित नहीं की जाती हैं। मिसाइलें खुद ही बोलती हैं।”

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बता दें कि कई अमेरिकी मीडिया आउटलेट्स ने 17 नवंबर को ही बताया कि बाइडेन प्रशासन ने यूक्रेन को रूसी क्षेत्र में अंदर तक हमला करने के लिए लंबी दूरी की मिसाइलों का उपयोग करने की अनुमति दे दी है। फ्रांस के ले फिगारो ने भी यह दावा किया कि अमेरिका का अनुसरण करते हुए फ्रांस और यूनाइटेड किंगडम ने भी कथित तौर पर यूक्रेन को अपने लंबी दूरी के हथियारों का उपयोग करके रूसी क्षेत्र में हमला करने की अनुमति दी है।

दरअसल, यूक्रेन लंबे समय से मांग करता रहा है कि अमेरिका, यूके और फ्रांस समेत पश्चिमी देश लंबी दूरी की मिसाइलों का इस्तेमाल करने की इजाजत दें ताकि रूस के अंदर ठिकानों को नेस्तनाबूद किया जा सके लेकिन अमेरिका समेत सभी देश इससे इनकार करते रहे हैं। अब ऐसी अनुमति मिलने से यूक्रेन रूस के अंदर सैन्य और सामरिक ठिकानों पर हमला कर सकता है, जिससे युद्ध और भड़क सकता है। चीन को इसी बात की चिंता है कि अमेरिकी फैसले से यूक्रेन-रूस युद्ध शांत होने की बजय भड़क सकता है, जिससे क्षेत्रीय शांति और बिगड़ सकती है।

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