जी-20 समिट के बाद जब नेताओं का फोटोशूट किया तो इसमें सबसे आगे पीएम नरेंद्र मोदी दिखे। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग नजर आए, लेकिन अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो भी फोटोशूट से गायब रहे।
रूस के कजान शहर में पिछले महीने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर हुई लगभग 50 मिनट की बैठक में मोदी और शी ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गतिरोध वाले बाकी स्थानों से सैनिकों की वापसी और वहां गश्त शुरू करने को लेकर भारत और चीन के बीच हुए समझौते का समर्थन किया था।
जो बाइडेन की मंजूरी के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमिर जेलेंस्की ने रूस को धमकाया है और कहा है कि लंबी दूरी के हथियारों का उपयोग करने की अनुमति देने जैसी बातों की घोषणा नहीं की जाती है।
ट्रंप की नई पारी में अमेरिका और भारत के बीच संबंध और सुधरेंगे या खराब होंगे, इस पर चर्चा शुरू हो गई है। मूडीज की रिपोर्ट बताती है कि ट्रंप की वापसी भारत को फायदा और चीन की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा सकती है।
डोनाल्ड ट्रंप एंटी चाइना पॉलिसी के लिए जाने जाते हैं। वह कह चुके हैं कि देश में उत्पादन बढ़ाने और अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के इरादे से चीन से आयातित सामानों पर 60 फीसदी तक टैरिफ लगा सकते हैं, जबकि अन्य देशों पर यह 10 फीसदी तक हो सकता है।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच कजान में हुई बैठक को चीनी राजदूत शू फेइहोंग ने महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि यह पिछले पांच वर्षों में दोनों नेताओं के बीच...
PM मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 23 अक्टूबर को हुई बैठक में पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त और सैनिकों को पीछे हटाने को लेकर भारत-चीन के बीच हुए समझौते का समर्थन किया था। दोनों नेताओं ने विभिन्न द्विपक्षीय वार्ता तंत्रों को फिर शुरू करने के निर्देश जारी किए थे।
सोमवार को इस घोषणा के बाद बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच रूस के कज़ान में BRICS नेताओं की बैठक के दौरान द्विपक्षीय मुलाकात भी हुई।
एमआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पीएम मोदी-शी जिनपिंग की मुलाकात पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर चीन के साथ हुए गलवान झड़प के बाद देश को गुमराह करने का आरोप लगाया।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, दोनों नेताओं (पीएम नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग) ने रणनीतिक और दीर्घकालिक दृष्टिकोण से द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने, रणनीतिक संवाद बढ़ाने और विकासात्मक चुनौतियों से निपटने के लिए सहयोग की संभावना तलाशने की आवश्यकता पर जोर दिया।
चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ बैठक में भारत-चीन संबंधों को सुधारने के सुझावों पर 'सैद्धांतिक रूप से' सहमति जताई। दोनों नेताओं ने सीमा मुद्दों के समाधान और विकास पर जोर दिया।...
रूस के कजान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति जिनपिंग के बीच 50 मिनट की द्विपक्षीय वार्ता हुई। दोनों नेताओं ने सीमा विवाद को सुलझाने, आपसी सहयोग और विश्वास बनाए रखने पर...
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में वैश्विक दक्षिण के देशों के लिए सदस्यता के अनुरोध पर शीघ्र विचार करने की आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स को उभरती अर्थव्यवस्थाओं के समूह...
चक्रवात दाना के खतरे को देखते हुए पश्चिम बंगाल और ओडिशा की सरकारें सतर्क हो गई हैं। वहीं, ब्रिक्स मीटिंग से इतर पीएम मोदी ने चीनी राष्ट्रपति से बैठक में कहा कि सीमा पर शांति ही हमारी प्राथमिकताएं। शाम की टॉप 5 खबरें
ब्रिक्स समिट से इतर पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई। पीएम मोदी ने दो टूक शब्दों में कहा कि सीमा पर शांति ही हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। यह मई 2020 के पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद के बाद दोनों नेताओं की पहली औपचारिक मुलाकात...
रूस के कजान में ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की पांच साल बाद औपचारिक बैठक हुई। पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध खत्म करने पर सहमति बनी है, जिससे...
पहले अहमदाबाद और फिर महाबलीपुरम में PM मोदी ने तहेदिल से चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग का स्वागत किया, लेकिन इस मुलाकात के कुछ ही महीने बाद चीन ने भारत की पीठ में छुरा घोंपने का काम किया और गलवान घाटी झड़प हुई।
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में एक दोस्ताना पल भी कैद हुआ जब व्लादिमीर पुतिन ने नरेंद्र मोदी से हाथ मिलाकर और गले मिलकर उनका अभिवादन किया। इससे उनके करीबी रिश्ते का पता चलता है।
समाचार एजेंसी ANI ने मिसरी के हवाले से इसकी पुष्टि की है। ANI से मिसरी ने कहा कि मैं कह सकता हूं कि कल ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय बैठक होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए रूस के कज़ान के लिए रवाना होंगे। उम्मीद है कि पीएम मोदी ब्रिक्स कज़ान में आमंत्रित नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी रूस जा रहे हैं।
ब्रिक्स में पहले ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल थे, लेकिन जनवरी 2024 में इस समूह का विस्तार हुआ। अब मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) भी इस समूह में शामिल हो गए हैं।
चीन में एक जापानी बच्चे की चाकू घोंपकर हुई हत्या के बाद दोनों देशों के राजनयिकों ने इस पर चर्चा करने के लिए बैठक बुलाई थी। इसके बाद चीन ने कहा है कि वह अपने लोगों को जापान से घृणा करना नहीं सिखाता।
अमेरिकी वाणिज्य विभाग चीन से होने वाले सुरक्षा संबंधी खतरे को देखते हुए से एक बड़ा कदम उठाने की तैयारी में है। प्रस्तावित प्रतिबंध ब्लूटूथ, सैटेलाइट और वायरलेस सुविधाओं वाले वाहनों के साथ-साथ ऑटोनॉमस वाहनों पर भी लागू होंगे।
बिजनेस आउटलेट फ्रैंक मीडिया ने बताया कि 2024 की दूसरी तिमाही में बैंक ऑफ चाइना ने रूस में अपनी संपत्तियों को 37 प्रतिशत घटाकर 355.9 अरब रूबल (3.9 अरब डॉलर ) कर दिया है। इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल बैंक ऑफ चाइना ने अपनी संपत्ति 27 फीसदी घटाकर 462.4 अरब रूबल (5.1 अरब डॉलर) कर दी है।
रूस पर बढ़े यूक्रेनी हमलों के बीच चीन ने सोमवार को ऐलान किया कि उसकी और रूस की सेनाएं इसी महीने बड़ा संयुक्त युद्ध अभ्यास करेंगे। चीन के इस बयान ने यूक्रेन और अमेरिका के कान खड़े कर दिए हैं।
China Pension Crisis: चीन में सेवानिवृत्ति की उम्र दुनिया में सबसे कम है। यहां पुरुषों की रिटायरमेंट उम्र 60 साल है, जबकि आधिकारिक वर्ग की नौकरियों में महिलाओं की सेवानिवृति उम्र 55 साल है।
China eyes on PoK: रिपोर्ट में कहा गया है कि जिस जगह पर चीन सैन्य अड्डा बना रहा है वह रणनीतिक रूप से काफी अहम है क्योंकि वह अफगानिस्तान सीमा से निकट है। हालांकि, बीजिंग ने इस खबर का खंडन किया है।
मालदीव में चीनी राजदूत वांग लिक्सिन ने बुधवार को राष्ट्रपति मुइज्जू के साथ अपनी बैठक के दौरान द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए चीन की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
पंचशील के सिद्धांतों को पहली बार औपचारिक रूप से 29 अप्रैल, 1954 को अपनाया गया था। तिब्बत क्षेत्र के बीच व्यापार व संबंध को लेकर इसे चीन और भारत के बीच हुए समझौते में शामिल किया गया।