चीन के लिए सबसे बड़ी मुश्किल अपनी अर्थव्यवस्था को बूस्ट करना है। इस बीच सोमवार को जिनपिंग ने अलीबाबा के को-फाउंडर जैक मा समेत कई चीनी उद्योगपतियों के साथ बैठक की।
चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन का मानना है कि देशों के बीच संबंधों और सहयोग को चीन का मुद्दा नहीं बनाना चाहिए या दूसरे के हितों को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए ।
ट्रंप रूस और भारत को साथ लेकर चीन के खिलाफ मोर्चा खोलना चाहते हैं और उसे दुनियाभर में न केवल अलग-थलग करना चाहते हैं बल्कि उसका क्षेत्रीय वर्चस्व और व्यापारिक दादागिरी पर अंकुश लगाना चाहते हैं।
चीन से भागकर आई रहीमा महमूत ने ब्रिटिश मीडिया आउटलेट को बताया कि चीनी सरकार जनता को गुमराह करने के लिए एआई का इस्तेमाल करके उइगर लोगों को मिटाने की कोशिश कर रही है।
चीन ने बांग्लादेश को एक लेटर भेजा, जिसमें किताबों और वेबसाइट पर छपे मैप में सुधार का अनुरोध किया। अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन को भारत में दिखाए जाने पर चीन ने आपत्ति जताई।
ट्रंप प्रशासन बेफिक्र होगा क्योंकि अमेरिका चीन से बड़े पैमाने पर सामानों का आयात करता है, लेकिन चीन कम चीजें खरीदता है। ऐसे में टैक्स लगाने से भी अमेरिका को ज्यादा असर नहीं होगा। इसकी बजाय चीनी कंपनियों के लिए त्राहिमाम वाली स्थिति हो सकती है क्योंकि उनके लिए अमेरिका हमेशा से एक बड़ा बाजार रहा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के इस दांव से चीन बौखलाया हुआ है क्योंकि उसकी अर्थव्यवस्था पहले से ही सुस्त चल रही है। ऐसे में अमेरिकी टैक्स से चीनी निर्यात को झटका लगने की आशंका है।
चीन ने अमेरिकी आयात पर भी 15 फीसदी तक टैरिफ लगाे का ऐलान कर दिया है। अमेरिका के 10 फीसदी टैरिफ के जवाब में कई उत्पादों पर चीन 15 फीसदी का टैरिफ लगाएगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अगले कुछ दिनों में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बात करेंगे। पिछले दिनों चीन पर 10 फीसदी टैरिफ की घोषणा के बाद यह पहली बार होगा जब ट्रंप जिनपिंग से बात करेंगे।
बयान में इन वित्तीय निकायों को शेयर बाजार में धीरे-धीरे निवेश की राशि बढ़ाने और उन पर नजर रखने को भी कहा गया है।